Madhya Pradesh: बांधवगढ़ रिजर्व में लगभग 41 बाघ शावक देखे गए
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में बाघ शावकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वन विभाग के कर्मियों ने यहां नवजात से एक साल तक की आयु के कम से कम 41 शावकों को देखने का दावा किया है.
भोपाल, 28 मई: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh National Park) में बाघ शावकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वन विभाग के कर्मियों ने यहां नवजात से एक साल तक की आयु के कम से कम 41 शावकों को देखने का दावा किया है. प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) आलोक कुमार ने शुक्रवार को बताया, ‘‘ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा एक वर्ष तक के बाघों की जानकारी तैयार की गई है. इसमें विभिन्न गश्त के दरम्यान ट्रैक कैमरा और प्रत्यक्ष रूप से देखने में 41 बाघ शावक यहां होने के प्रमाण मिले हैं.’’ Video: टाइगर और शेर के बच्चे का एक साथ झगड़े वाला आकर्षक क्लिप वायरल, वीडियो देख बन जाएगा दिन.
आंकड़ों के अनुसार कल्लवाह परिक्षेत्र में 8 से 10 माह के चार शावक, ताला परिक्षेत्र में बाघिन टी-17 के पांच शावक, पतौर परिक्षेत्र में 8 से 10 माह के 12 शावक, धमोखर परिक्षेत्र में 6 माह के चार शावक, पनपथा बफर परिक्षेत्र में 3 माह के दो शावक, पनपथा कोर परिक्षेत्र में 3 माह के दो शावक, भानपुर में नवजात दो शावक, मगधी परिक्षेत्र में 10 से 12 माह के पांच शावक, खितौली परिक्षेत्र में 8 से 12 माह के चार शावक तथा मानपुर परिक्षेत्र के बड़खेड़ा बीट की एक गुफा में दो नवजात शावक की पुष्टि परिक्षेत्र अधिकारियों ने की है.
कुमार ने कहा कि बीटीआर को मध्यप्रदेश में बाघों की नर्सरी के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने बताया कि एक बार जब वे बड़े हो जाते हैं तो व्यस्क बाघों को प्रदेश की उन जगहों पर भेजा जाता है जहां बाघों की आबादी कम होती है.
बांधवगढ़ को 1968 में राष्ट्रीय उद्यान और इसके बाद 1993 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था. 716 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस रिजर्व को बाघों की आबादी के उच्चतम घनत्व के लिये जाना जाता है.