नयी दिल्ली,26 दिसंबर थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने खतरों का सही आकलन करने, वांछित सैन्य क्षमताओं का पता लगाने, सक्षम नीतियों को तैयार करने और उपयुक्त प्रतिक्रियाओं को प्रभावी बनाने के लिए सोमवार को तालमेल के महत्व को रेखांकित किया।
जनरल पांडे ने यह टिप्पणी यहां “लैंड वेलफेयर स्टडीज़” द्वारा आयोजित एक संगोष्ठि में की। उनकी यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध और अरूणाचल प्रदेश के तवांग में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हाल में हुई झड़प की पृष्ठभूमि में आई है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, “सेना प्रमुख ने खतरों का सही आकलन करने, महत्वपूर्ण रणनीतिक दिशानिर्देशों एवं दस्तावेजों को व्यक्त करने, वांछित सैन्य क्षमताओं का पता लगाने, सक्षम नीतियों को तैयार करने,आवश्यक तैयारी करने और उपयुक्त प्रतिक्रिया को प्रभावी करने तथा समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के अनुरूप समन्वय स्थापित करने पर चर्चा की।”
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार के समग्र दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया।
बयान के मुताबिक, “उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उच्चतर रक्षा तैयारियों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भरता, वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज, गति शक्ति और नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी जैसी सरकारी योजनाओं से परस्पर लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से सभी रक्षा कार्यक्रमों को जोड़ा जाना चाहिए।”
इस दो दिवसीय संगोष्ठी का विषय "सिविल मिलिट्री इंटीग्रेशन: द वे फॉरवर्ड" था।
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