एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शख्स की पहचान 42 वर्षीय बस्सम अल-शेख हुसैन के तौर पर हुई है जो बेरूत के हमरा ज़िले में फेडरल बैंक में कथित रूप से घुस गया है। उसके पास गैसोलीन का कनस्तर है और उसने छह-सात कर्मचारियों को बंधक बना लिया है।
बैक एम्प्लॉइज़ सिंडिकेट के प्रमुख जॉर्ज अल हज ने स्थानीय मीडिया को बताया कि सात-आठ कर्मचारियों के साथ ही दो ग्राहकों को बंधक बनाया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, व्यक्ति ने चेतावनी देने के लिए तीन गोलियां चलाईं। स्थानीय मीडिया ने खबर दी है कि बैंक में उसके करीब दो लाख डॉलर फंसे हुए हैं।
दरअसल, लेबनान में 2019 के अंत से ही नकदी की कमी है और बैंकों से विदेशी मुद्रा निकालने पर कड़े प्रतिबंध लागू हैं।
लेबनान के सैनिकों एवं देश के आंतरिक सुरक्षा बल के पुलिस अधिकारियों और खुफिया एजेंट ने इलाके को घेर लिया है।
अधिकारी हुसैन से बातचीत कर किसी समाधान पर पहुंचने की कोशिश में हैं लेकिन उन्हें अब तक कामयाबी नहीं मिली है।
हुसैन ने एक बंधक को मुक्त कर दिया है जिसे एंबुलेंस से ले जाया गया है। पहले जारी की गई मोबाइल से बनी वीडियो में दिख रहा था कि असंतुष्ट व्यक्ति हाथ में शॉटगन लिए हुआ है और अपना धन वापस मांग रहा है।
एक अन्य वीडियो में पुलिस के दो अधिकारी उससे कम से कम एक बंधक को मुक्त करने की गुजारिश कर रहे हैं लेकिन उसने इनकार कर दिया।
घटना में बच निकले बैंक के एक ग्राहक ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वह अस्पताल में भर्ती अपने पिता के इलाज के लिए 2,000 डालर की निकासी की मांग कर रहा है।
उसके भाई आतिफ ने एसोसिएटिड प्रेस से कहा कि अगर बैंक हुसैन का धन उसे वापस कर देता है तो वह समर्पण कर देगा, क्योंकि उसे पिता के इलाज के बिल का भुगतान करने और परिवार के खर्चे पूरे करने के लिए धन की जरूरत है। आतिफ ने कहा कि उसका भाई कोई बदमाश नहीं है, सभ्य व्यक्ति है।
इस बीच, दर्जनों प्रदर्शनकारी इलाके में आ गए और उन्होंने लेबनान की सरकार तथा बैंकों के खिलाफ नारेबाज़ी की।
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