मुम्बई, तीन दिसंबर एंटीलिया विस्फोटक प्रकरण में गिरफ्तार किये गये क्रिक्रेट सट्टेबाज नरेश गौड़ ने उसे पिछले महीने विशेष अदालत से जमानत देने और बाद में उस पर 25 दिन के लिए रोक लगाने के आदेश को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस साल मार्च में यह आरोप लगाते हुए गौड़ को गिरफ्तार किया था कि वह एंटीलिया विस्फोटक प्रकरण एवं व्यापारी मनसुख हिरेन की हत्या में शामिल है।
विशेष एनआईए अदालत ने 20 नवंबर को यह कहते हुए उसे जमानत दी थी कि प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं जान पड़ता कि उसे साजिश की जानकारी थी।
गौड़ इस मामले में जमानत पाने वाला पहला आरोपी था। लेकिन विशेष अदालत ने अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर 25 दिन के लिए अपने ही आदेश पर स्थगन भी लगा दिया था। अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा था कि वह जमानत दिये जाने को अपीलीय न्यायालय में चुनौती देने के पक्ष में है।
गौड़ तब अपने वकील अनिकेत निकम के मार्फत उच्च न्यायालय पहुंचा तथा उसने अपनी जमानत पर विशेष अदालत के स्थगन को चुनौती दी।
गौड़ ने अपनी याचिका में कहा है कि विशेष अदालत ने यह कहते हुए उसे जमानत दी थी कि हिरेन की हत्या करने एवं एंटीलिया विस्फोटक प्रकरण की साजिश में उसका कोई हाथ नहीं है।
उसकी दलील है कि उसने महज एक सिम कार्ड खरीदा था जिसे बाद में मुम्बई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने उक्त मामलों में इस्तेमाल में लाया।
गौड़ ने दावा किया कि उसे बड़ी साजिश का कोई भान नहीं था और वह कभी वाजे के प्रत्यक्ष संपर्क में आया भी नहीं है। उसने जमानत पर लगी रोक हटाने का अदालत से अनुरोध किया है। उच्च न्यायालय अगले सप्ताह इस याचिका पर सुनवाई कर सकता है।
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