मुंबई, 22 दिसंबर साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके से संबंधित मामले में एक गवाह बुधवार को यहां विशेष एनआईए अदालत के समक्ष मुकर गया। वह कथित रूप से एक बैठक में शामिल हुआ था, जिसमें आरोपी सैन्य अधिकारी प्रसाद पुरोहित और सुधाकर द्विवेदी ने हिंदुओं के साथ हो रहे ''अन्याय'' के बारे में बात की थी।
इस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने जिन 218 गवाहों से पूछताछ की, उनमें से 13 अबतक मुकर चुके हैं।
अभियोजन पक्ष ने इस गवाह को बुधवार को मुकर चुका गवाह करार दिया जब उसने कथित तौर पर महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के सामने दिया गया अपना बयान वापस ले लिया। एटीएस ने शुरू में मामले की जांच की थी।
साल 2007 में एटीएस के सामने दिये गए इस गवाह के बयान के अनुसार पुरोहित ने फोन कर उसे नासिक में 'स्वामी शंकराचार्य' (सुधाकर द्विवेदी) के 'दर्शन' करने के लिए कहा था।
इसके बाद गवाह द्विवेदी से मिलने गया। बैठक में कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे। इस दौरान द्विवेदी ने ''हिंदुत्व-वाद'' के बारे में बात करते हुए अपने लैपटॉप पर एक सीडी भी चलाई थी, जिसमें हिंदुओं पर हुए अत्याचारों के दृश्य चल रहे थे।
बयान में कहा गया है कि द्विवेदी और पुरोहित ने कहा था कि हिंदुओं के साथ अन्याय हो रहा है और वे इस बारे में कुछ नहीं कर पा रहे।
बयान के अनुसार एक अन्य व्यक्ति ने मुस्लिमों के प्रति अपने आक्रोश के बारे में बात की और कहा कि एक बम धमाका होना चाहिये।
बुधवार को गवाह अपने बयान से पलट गया।
इस मामले अन्य आरोपियों में भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शामिल हैं।
मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के निकट 29 सितंबर, 2008 को हुए धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
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