मुंबई, 22 नवंबर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश ने धनशोधन से संबंधित मामले में पिछले साल विशेष अदालत में दाखिल की गई अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को वापस ले ली है।
अनिल देशमुख भी धनशोधन के मामले में आरोपी हैं और उन्हें बंबई उच्च न्यायालय से जमानत मिली हुई है। हालांकि वह भ्रष्टाचार के एक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, जिसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऋषिकेश को पूछताछ के लिए कई बार तलब किया था। लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने कभी पेश नहीं हुए।
ऋषिकेश ने मामले में गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए पिछले साल नवंबर में अपने अधिवक्ता अनिकेत निक्कम और इंद्रपाल सिंह के माध्यम से यहां एक विशेष अदालत के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। मंगलवार को उनके वकील ने विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े को सूचित किया कि वे मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। उन्होंने याचिका वापस लेने का अनुरोध किया। अदालत ने उनका अनुरोध स्वीकार करते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में राज्य के गृह मंत्री रहे देशमुख और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों के आधार पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि राज्य का गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे के माध्यम से मुंबई में विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये वसूले।
आरोप है कि नागपुर स्थित श्री साईं शिक्षण संस्थान ने धनशोधन किया था, जिसका संचालन कथित रूप से देशमुख परिवार करता है।
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