नागपुर (महाराष्ट्र), 12 फरवरी : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने जेल से रिहा होने के बाद 15 महीनों में पहली बार शनिवार को अपने गृह नगर नागपुर का दौरा किया और आरोप लगाया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख जमानत पर हैं और नागपुर हवाई अड्डा पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया.
उन्होंने इसके बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझ पर 100 करोड़ रुपये (धनशोधन) का आरोप है, लेकिन आरोप पत्र में यह राशि 1.71 करोड़ रुपये बताई गई है. जांच एजेंसी 1.71 करोड़ रुपये के भी साक्ष्य पेश करने में नाकाम रही.’’ देशमुख ने दावा किया कि उच्च न्यायालय ने पाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामलों में कोई दम नहीं है. यह भी पढ़ें : लखनऊ में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- यूपी में गरीबी दूर करने के लिए रोजगार पैदा करना होगा
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने भी देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन वह आरोपों की जांच के लिए गठित चांदीवाल आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए.