पुणे, 30 नवंबर महाराष्ट्र के निवर्तमान उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को वरिष्ठ कार्यकर्ता डॉ. बाबा आढाव से हालिया राज्य चुनावों में ईवीएम के कथित दुरुपयोग के खिलाफ उनका विरोध प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए।
आढाव (95) के बगल में बैठे हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति ने लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया था, लेकिन उसने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर सवाल नहीं उठाया।
पवार ने कहा, “लोकसभा चुनाव में महा विकास आघाडी ने (महाराष्ट्र की 48 में से) 31 सीट जीतीं, जबकि हमें 17 सीट मिलीं। हमने लोगों के जनादेश को स्वीकार किया। हमने जनादेश स्वीकार किया। हमने ईवीएम पर कोई आरोप नहीं लगाया। बारामती में मेरी उम्मीदवार (पत्नी सुनेत्रा पवार) 1.4 लाख से ज्यादा मतों से हारीं, जबकि विधानसभा चुनाव में मैं एक लाख मतों से जीता।”
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के इस दावे के बारे में कि मतदान समाप्त होने से ठीक पहले मतदान प्रतिशत अचानक बढ़ गया, पवार ने कहा कि यह मतदाताओं पर निर्भर है कि वे मतदान के लिए कब बाहर निकलें।
उन्होंने हालाँकि इस बात पर सहमति जताई कि इस पर चर्चा की जरूरत है।
पवार ने कहा, “मैं इस बात से सहमत हूं कि इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए और यदि कोई समाधान नहीं निकलता है, तो अदालतों में जाया जा सकता है... यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता जब हारते हैं, तो ईवीएम को दोष देते हैं, लेकिन जब वे जीतते हैं, तो कोई आरोप नहीं लगाते हैं।”
भाजपा की सहयोगी पार्टी ने कहा कि वह निश्चित रूप से केंद्र के मंत्रियों से इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने का आग्रह करेंगे।
उन्होंने कहा, “बहुत से लोगों ने ईवीएम के बारे में आरोप लगाए हैं, लेकिन आज तक कोई भी यह साबित नहीं कर पाया है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।”
पवार ने आढाव से उनका विरोध प्रदर्शन समाप्त करने का आग्रह किया। राकांपा प्रमुख ने कहा, “आंदोलन करना उनका विशेषाधिकार है, लेकिन मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे इसे समाप्त कर दें।”
महिलाओं के लिए लाडकी बहिन योजना सहित कल्याणकारी योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से सत्तारूढ़ भाजपा-राकांपा-शिवसेना गठबंधन को मतदाताओं का दिल जीतने में काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में हमें अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। हम सत्ता में लौटना चाहते थे, क्योंकि विपक्ष में बैठकर समस्याओं का समाधान नहीं होता। और सत्ता में वापस आने के लिए हमने कुछ योजनाएं पेश कीं। विपक्ष ने भी कई योजनाओं का वादा किया। शायद लोगों का हम पर भरोसा बढ़ा और उन्होंने हमें जनादेश दिया। लाडकी बहिन ने ही हमें सत्ता में पहुंचाया।”
डॉ. आढाव ने कहा कि वह और उनके साथी शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं और उन्होंने पवार से आश्वासन मांगा कि विरोध को दबाया नहीं जाएगा।
पवार ने आश्वासन दिया कि इसे दबाया नहीं जाएगा।
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