देश की खबरें | दिल्ली में लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में, ग्रैप-3 प्रतिबंध लागू

नयी दिल्ली, 15 नवंबर राष्ट्रीय राजधानी में लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में दर्ज की गई, जिसके कारण चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण को शुक्रवार को लागू कर दिया गया।

ग्रैप के तीसरे चरण के तहत दिल्ली में ई-बस और सीएनजी से चलने वाली बस को छोड़कर अंतरराज्यीय बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा बीएस-3 पेट्रोल, बीएस-4 डीजल चार पहिया वाहनों पर भी रोक लगाई गई है। निर्माण गतिविधियों की कुछ श्रेणियों तथा सरकारी कार्यालयों में कामकाज के समय में भी बदलाव किया गया है।

देश में राजधानी का प्रदूषण स्तर सबसे खराब दर्ज किए जाने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने यहां ग्रैप के तीसरे चरण को लागू कर दिया। दिल्ली में लगातार दो दिन तक वायु गुणवत्ता ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रही।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह नौ बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 411 (गंभीर) था। हालांकि, हवा की गति बढ़ने के कारण शाम चार बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई 396 पर आ गया, जो अब भी 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि शनिवार को हवा की गति बढ़ने से स्थिति में और सुधार होगा।

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रदूषण के स्तर को देखते हुए यातायात की भीड़ को कम करने के लिए शहर में सरकारी कार्यालयों के लिए अलग-अलग समय की घोषणा की।

आतिशी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कार्यालयों के कामकाज की घोषणा की, जिसके तहत केंद्र सरकार के कार्यालय सुबह नौ बजे से शाम 5.30 बजे तक, दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कार्यालय सुबह 8.30 बजे से शाम पांच बजे तक काम करेंगे।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण राजधानी में लागू किए गए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण के उपायों के तहत यहां 106 अतिरिक्त क्लस्टर बसें संचालित होगी और मेट्रो ट्रेन 60 अतिरिक्त फेरे लगाएगी।

दिल्ली में पांचवीं तक की कक्षाओं वाले स्कूलों में सप्ताहांत के बाद ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। कई निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों ने कहा कि वे स्थिति से निपटने के लिए ऐप और स्मार्ट बोर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं।

स्काईमेट वेदर सर्विसेज के महेश पलावत ने 'पीटीआई-' को बताया कि शुक्रवार को आठ से 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

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