भरूच (गुजरात)/गुवाहाटी, 26 नवंबर कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को अपने दो कद्दावर नेताओं अहमद पटेल और तरुण गोगोई को अंतिम विदाई दी जो तमाम उतार-चढ़ाव के दौरान हमेशा पार्टी के लिए मजबूती से खड़े रहे। दोनों नेताओं का कोविड-19 संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया।
हर कठिन घड़ी में कांग्रेस के संकटमोचक रहे पटेल का बुधवार को गुरुग्राम में एक अस्पताल में निधन हो गया और उन्हें गुजरात के भरूच जिले के उनके गांव पिरमण में बृहस्पतिवार को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। असम के पूर्व मुख्यमंत्री गोगोई का सोमवार को निधन हो गया था और गुवाहाटी में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पटेल 71 साल के और गोगोई 84 वर्ष के थे। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दोनों नेताओं को अंतिम विदाई देने के लिए पिरमण और गुवाहाटी में जुटे। दोनों नेताओं को गांधी परिवार का वफादार माना जाता था और पार्टी के प्रति निष्ठा कभी उनकी कम नहीं हुई ।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी के अहम रणनीतिकार और संकटमोचक पटेल की तदफीन (दफन करना) में शिरकत की।
पटेल की मय्यत (पार्थिव देह) को वडोदरा से पिरमण लाया गया था। इसके बाद सैकड़ों स्थानीय एवं कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में पटेल को कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
कांग्रेस नेता की मय्यत बुधवार रात वडोदरा हवाई अड्डे पहुंची थी और उसे भरूच जिले के अंकलेश्वर शहर में स्थित सरदार पटेल अस्पताल में रखा गया था।
राहुल गांधी बृहस्पतिवार को सूरत हवाई अड्डे पहुंचे और फिर सड़क के रास्ते से पिरमण गए जहां वह दिवंगत सांसद के परिवार से उनके पुश्तैनी घर में मिले और उन्हें दिलासा दिया।
राहुल गांधी ने पटेल की ''कब्र पर मिट्टी डाली '' (जब पार्थिव शरीर को कब्र में रख दिया जाता है तो तदफीन में आए लोग उसकी कब्र पर मिट्टी डालते हैं)।
कांग्रेस की प्रमुख सोनिया गांधी ने अपने पूर्व सहयोगी को श्रद्धांजलि देने के लिए फूल भिजवाए थे।
पटेल को सुपुर्द-ए-खाक करने से पहले उनकी नमाज़-ए-जनाज़ा अदा की गई थी। पटेल की इच्छा के मुताबिक, उन्हें उनके माता-पिता की कब्र के बराबर में दफनाया गया।
पटेल की तदफीन में गुजरात कांग्रेस प्रमुख अमित चावड़ा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के गुजरात प्रभारी राजीव सातव, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला समेत अन्य ने शिरकत की।
उधर, असम के गुवाहाटी के नवग्रह श्मसान घाट में तरुण गोगोई का अंतिम संस्कार किया गया।
मंत्रोच्चार, असम पुलिस द्वारा बंदूकों की सलामी और बैंड की धुनों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को उनके पुत्र गौरव गोगोई ने मुखाग्नि दी।
मुखाग्नि के समय गौरव पारंपरिक चेलेंग सदर (शॉल) और धोती पहने हुए थे और मुंह पर मास्क लगाए हुए थे। गौरव के मुखाग्नि देने के पहले गोगोई की पत्नी डॉली, बेटी चंद्रिमा, पुत्रवधू एलिजाबेथ और परिवार के अन्य सदस्यों ने चिता पर चंदन की लकड़ियां रखी।
असम के तीन बार मुख्यमंत्री, दो बार केंद्रीय मंत्री और छह बार लोकसभा सदस्य रहे तरुण गोगोई का 84 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। वह कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से जूझ रहे थे।
वैदिक परंपरा के मुताबिक अंतिम संस्कार किया गया और अहोम पुजारियों ने भी मंत्रोच्चार किया। सिख पंथियों ने भी उनके लिए प्रार्थना की।
तिताबोर विधानसभा क्षेत्र से भी कई कार्यकर्ता आए हुए थे। गोगोई ने इस निर्वाचन क्षेत्र का चार बार प्रतिनिधित्व किया ।
राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को दोपहर एक बजे से आधे दिन के अवकाश की घोषणा की थी। प्रशासन ने श्मशान घाट परिसर में लोगों के बैठने के लिए 1,000 सीटों की व्यवस्था की थी। इसके अलावा सैकड़ों लोग बाहर लगी एलईडी स्क्रीन के जरिए अपने चहेते नेता की अंतिम विदाई को देखने के लिए जमा थे।
आवास पर उनके परिवार के सदस्यों ने धार्मिक संस्कार किया और उन्हें अंतिम विदाई दी। कांग्रेस के महासचिव और असम के प्रभारी जितेंद्र सिंह और कई अन्य नेताओं ने दिवंगत नेता को उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी ।
तरुण गोगोई के पार्थिव शरीर के साथ उनके पुत्र गौरव, कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख रिपुन बोरा तथा अन्य नेता थे।
तरुण गोगोई के बेटे और लोकसभा सदस्य गौरव को एक पत्र में सोनिया गांधी ने कहा कि यह उनकी निजी क्षति है ।
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘श्री तरुण गोगोई कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। उनकी असाधारण बुद्धिमता, दूरदर्शी नजरिए और काबिलियत का हर कोई सम्मान करता था। विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री और असम के मुख्यमंत्री के रूप में उनके लंबे अनुभव को देखते हुए हर कोई उनके विचार को मानता था। ’’
कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि पटेल और गोगोई के निधन से पार्टी और उसके नेतृत्व को उनकी काफी कमी खलेगी।
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