नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की गणना के संबंध में दायर उपचारात्मक याचिकाओं पर वोडाफोन आइडिया समेत कुछ दूरसंचार कंपनियों की दलीलों को सुना।
इन कंपनियों ने कहा कि एजीआर बकाया में कथित गलतियों को सुधारने की मांग करने वाली पिछली याचिकाओं को खारिज किए जाने के खिलाफ उनकी उपचारात्मक याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और के के वेणुगोपाल की दलीलों पर गौर किया।
याची कंपनियों के वकीलों ने दूरसंचार विभाग (डॉट) के एजीआर से संबंधित बकाया राशि पता करने के लिए की गई ''अंकगणितीय गणना'' में कथित गलतियों का जिक्र किया।
इस पर मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों से पूछा कि उन्हें मामले पर बहस करने में कितना समय लगेगा। जब उन्हें बताया गया कि इसमें एक दिन लगेगा, तो पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई आगे किसी तारीख पर होगी।
न्यायालय ने जुलाई 2021 में एजीआर बकाया की मांग में गलतियों को सुधारने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)