चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने शुक्रवार को केंद्र की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए इसे सेना (Army) का अपमान और राज्य (State) के युवाओं के लिए नुकसानदायक बताया. योजना के खिलाफ राज्य में तीसरे दिन भी प्रदर्शनों के बीच मान ने हिंदी में किए गए एक ट्वीट में कहा, “दो साल सेना में भर्ती रोकने के बाद केंद्र का नया फरमान है कि चार साल सेना में रहो और फिर पेंशन भी नहीं मिलेगी.” Bihar: अग्निपथ के विरोध में रेलवे बना निशाना, 60 से अधिक ट्रेन की बोगी क्षतिग्रस्त, 10 इंजनों में लगाई आग
उन्होंने योजना की तत्काल वापसी की मांग करते हुए कहा, “ये सेना का अपमान है. यह देश के युवाओं के साथ भी धोखा है.” एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार युवाओं की चिंता किए बगैर “बेतरतीबी” से देश चला रही है.
उन्होंने वापस लिए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों के बाद, यह कदम युवाओं पर एक गंभीर हमला है. उन्होंने कहा, “यह उन पंजाबी युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है जो सेना में शामिल होकर अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.”
मान ने कहा, “इस नासमझी भरे फैसले ने देश में उबाल ला दिया है क्योंकि केंद्र के इस गैरजिम्मेदाराना कदम के विरोध में युवा सड़कों पर उतर आए हैं.”
संगरूर लोकसभा उप चुनाव से पहले एक रोड शो के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए मान ने कहा, “बलों को किराए पर नहीं रखा जा सकता है. आप कैसे कह सकते हैं कि जब आप 17 साल के हो जाएं तो प्रशिक्षण के लिए जाएं और वापस आकर 21 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाएं और 21 साल की उम्र में ही पूर्व सैनिक हो जाएं.”
मान ने कहा, “राजनेता कभी सेवानिवृत्त नहीं होते” और अगर यह एक अच्छी योजना है, तो “भाजपा नेताओं के बेटे सेना में शामिल हों और चार साल बाद वापस आएं”. इसबीच होशियारपुर में अग्निपथ योजना को वापस लिए जाने की मांग को लेकर सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं ने प्रदर्शन किया.
थलसेना, नौसेना और वायुसेना में चार वर्ष की अवधि के लिये भर्ती की केंद्र की नयी योजना अग्निपथ को लेकर बुधवार से कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. योजना में चार साल तक सेवाएं देने के बाद अधिकतर सैनिकों को ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ के बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की बात कही गई है.
अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती हुए युवाओं को ‘अग्निवीर’ के तौर पर जाना जाएगा. चार साल की सेवा के बाद हर बैच के 25 प्रतिशत युवाओं को नियमित सेवा की पेशकश की जाएगी.
चोहाल और आस-पास के गांवों के युवाओं ने प्रदर्शन के दौरान योजना के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां हाथों में पकड़ रखी थीं. प्रदर्शनकारी युवाओं ने मीडिया को बताया कि वे पिछले कई सालों से सेना में भर्ती होने के लिये कड़ी मेहनत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस योजना से उनके सपने टूट गए हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र ने योजना वापस नहीं ली तो वे अपना संघर्ष तेज करेंगे. उन्होंने होशियारपुर के अतिरिक्त उपायुक्त (सामान्य) संदीप कुमार को एक ज्ञापन भी सौंपा.
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