लॉकडाउन के बाद कुछ लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के पूर्व की स्थिति में लौटने में होगी दिक्कत
सिडनी,17 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान आस्ट्रेलिया में लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब होने की प्रवृत्ति रही. लाइफलाइन जैसी हेल्पलाइनों पर अत्यधिक संख्या में आईं कॉल से यह पता चलता है कि अब भी कई लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं.
सिडनी,17 अक्टूबर: कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान आस्ट्रेलिया में लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब होने की प्रवृत्ति रही. लाइफलाइन जैसी हेल्पलाइनों पर अत्यधिक संख्या में आईं कॉल से यह पता चलता है कि अब भी कई लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं.वर्ष 2020 के आंकड़ों से यह प्रदर्शित होता है कि महामारी का फैलना रुकने के बाद कई आस्ट्रेलियाइयों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आया. हालांकि, आस्ट्रेलिया के मेंटल हेल्थ थिंक टैंक से आज जारी एक साक्ष्य समीक्षा से यह प्रदर्शित होता है कि लॉकडाउन से उबर रहे लोगों में यह समस्या कहीं अधिक जटिल है.कई लोग इससे उबर जाएंगे, लेकिन महामारी से प्रभावित हुए कुछ आस्ट्रेलियाइयों के मानसिक स्वास्थ्य के पूर्व की स्थिति में लौटने में कहीं अधिक दिक्कत होगी.
मुख्य कारणों का पता लगाना:
कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में 100 से अधिक आस्ट्रेलियाई अध्ययनों और रिपोर्ट को यह पता लगाने के लिए खंगाला गया कि किन लेागों ने खराब मानसिक स्वास्थ्य का सामना किया और क्यों किया.यह पाया गया कि महामारी का बच्चों और युवाओं सहित कुछ आस्ट्रेलियाइयों पर व्यापक प्रभाव पड़ा. इनमें देश के निवासी, महिलाएं और मानसिक या शारीरिक रूप से अशक्त लोग, बेरोजगार या वित्तीय तंगी का सामना कर रहे लोग शामिल हैं.दूसरों शब्दों में महामारी ने मौजूदा आस्ट्रेलियाई मानसिक स्वास्थ्य असमानता को बढ़ा दिया.महामारी के प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए 2,000 से अधिक लोगों से बातचीत की गई. लोगों के जवाब से इस बारे में सुराग मिले कि क्यों कुछ समूहों में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति खराब है.संक्रमण के डर के बजाय आस्ट्रेलियाइयों ने बताया कि महामारी किस तरह वित्तीय तनाव बढ़ाकर और सामाजिक सहयोग घटाकर खराब मानसिक स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार है.
बढ़ी हुई बेरोजगारी और वित्तीय तनाव:
जिन आस्ट्रेलियाइयों की नौकरी चली गई या बेरोजगार हो गए, महामारी के दौरान उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब था. कई लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बेरोजगारी का कलंक लगने से और अधिक खराब हो गया.वित्तीय तनाव का बढ़ना महमारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ने का एक प्राथमिक कारण है. वित्तीय तनाव लॉकडाउन की पाबंदियों के दौरान और बढ़ गया, खासतौर पर परिवारों के लिए.बिल आना जारी रहा, रियल एस्टेट एजेंट किराये की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान की मांग करते रहे.अध्ययन से यह पता चला है कि घरों पर बच्चों को पढ़ाने का भार मुख्य रूप से महिलाओं पर पड़ा.
सामाजिक संपर्क व सहयोग का घटना :
अध्ययन दल की समीक्षा में यह प्रदर्शित हुआ है कि लॉकडाउन और पाबंदियों ने आस्ट्रेलियाइयों के सामाजिक संबंध को प्रभावित किया और यह युवाओं में अवसाद का एक मुख्य कारण है.यहां पाबंदियों का मतलब स्कूल या विश्वविद्यालय जाने जैसे जीवन के अनुभव से है.कोविड-19 पाबंदियों और अलग थलग रहने के दिशानिर्देशों के चलते वयस्कों ने अकेलापन महसूस किया.वहीं, सिंगल या अकेले रहने वाले लागों के लिए डेटिंग का विकल्प मौजूद नहीं था.
इसके अलावा एशियाई मूल के लोगों ने महमारी के दौरान नस्ली भेदभाव का भी सामना किया.
इस बारे में क्या किया जा सकता है?
गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच लगातार बेहतर करने की जरूरत है. साथ ही, परंपरागत स्वास्थ्य क्षेत्र में नीतिगत बदलाव भी जरूरी है.सभी आस्ट्रेलियाइयों की पर्याप्त आय सुनिश्चित करने की नीतियां बनानी होंगी.
द कन्वरसेशन
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