नयी दिल्ली, 11 जनवरी कांग्रेस ने कृषि कानूनों को लेकर चल रही बातचीत पर उच्चतम न्यायालय की ओर से निराशा जताए जाने के बाद सोमवार को कहा कि तीनों को कानून रद्द करने की जरूरत है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय राजनीतिक मुद्दों का निर्णय करता है, राजनीतिक बेईमानी से खेती को पूंजीपतियों के दरवाजे पर बेचने की साज़िश का नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सवाल 3 कृषि विरोधी कानूनों में एमएसपी व अनाजमंडियों को ख़त्म करने का है, किसान को अपने ही खेत में ग़ुलाम बनाने का है। इसलिए क़ानून रद्द करने होंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर जिस तरह से केन्द्र और किसानों के बीच बातचीत चल रही है, उससे वह ‘‘बेहद निराश’’ है।
प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, ‘‘ क्या चल रहा है? राज्य आपके कानूनों के खिलाफ बगावत कर रहे हैं।’’
उसने कहा, ‘‘ हम बातचीत की प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।’’
पीठ ने कहा, ‘‘ हम आपकी बातचीत को भटकाने वाली कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन हम इसकी प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।’’
पीठ में न्यायमूर्ति एस. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमणियन भी शामिल थे।
हक
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)