नयी दिल्ली, सात मार्च दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में समन को नजरअंदाज करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक हालिया शिकायत पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तलब किया।
अदालत ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए ‘‘ पर्याप्त आधार’’ हैं।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने केजरीवाल को 16 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस शिकायत पर आदेश पारित किया जिसमें 12 और 31 जनवरी तथा 14 फरवरी को समन पर पेश नहीं होने के लिए केजरीवाल
के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।
न्यायाधीश ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत, जिस व्यक्ति को तलब किया गया है, वह उसका अनुपालन करने के लिए बाध्य है और जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, कानून के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इस प्रकार अधिनियम के आदेश के अनुसार प्रतिवादी समन का पालन करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य था, लेकिन कथित तौर पर वह ऐसा करने में विफल रहा...।’’
अदालत ने इस बात पर गौर किया कि भले ही इसी तरह के आरोपों के साथ केजरीवाल के खिलाफ यह केवल दूसरी ईडी शिकायत है, लेकिन शिकायतकर्ता का यह तर्क ठोस है कि किसी लोक सेवक द्वारा जारी किए गए समन पर पेश नहीं होना एक अलग अपराध होगा।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ संक्षेप में, शिकायत की सामग्री और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री से प्रथम दृष्टया, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 174 के तहत अपराध बनता है और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 204 के तहत कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं। इसके अनुसार आईपीसी की धारा 174 के तहत आरोपी अरविंद केजरीवाल को 16 मार्च 2024 के लिए समन जारी करें।’’
प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन जांच में समन का पालन नहीं करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध करते हुए अदालत में बुधवार को नयी शिकायत दर्ज कराई थी।
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