लखनऊ, 12 अक्टूबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक मंत्रिसमूह को बुधवार को निर्देश दिया कि वह हाल में अत्यधिक वर्षा के कारण प्रभावित हुए राज्य के क्षेत्रों का तत्काल दौरा कर राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी सुनिश्चित करे।
एक सरकारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने प्रदेश में अत्यधिक बारिश के कारण पैदा हुई परिस्थितियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तीय बैठक की।
इसमें बताया गया कि मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से प्रभावित सभी जिलों में राहत एवं पुनर्वास कार्य तेज करने और जिला नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे चालू रखने के निर्देश दिए।
आदित्यनाथ ने कहा कि विगत कुछ दिनों में अत्यधिक बरसात से जनजीवन, पशुधन एवं खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और कई जिलों में जन-धन की हानि की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रभावित लोगों की सुरक्षा और भरण-पोषण के लिए आवश्यक प्रबंध करने को प्रतिबद्ध है।
बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने बिजली गिरने, सर्पदंश, डूबने और अत्यधिक बारिश के कारण हुए अन्य हादसों में लोगों की मौत होने पर दुःख व्यक्त किया और मृतकों के परिजन को स्वीकृत राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने एवं घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया। उन्होंने राजस्व और कृषि विभाग के दलों को निर्देश दिया कि वे बारिश से खेती को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण करें, ताकि किसानों को सहायता दी जा सके।
राहत आयुक्त कार्यालय से मंगलवार को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 18 जिलों के 1,370 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें बलरामपुर के सबसे ज्यादा 287 गांव शामिल हैं। इसके अलावा सिद्धार्थनगर के 129, गोरखपुर के 120, श्रावस्ती के 114, गोण्डा के 110, बहराइच के 102, लखीमपुर खीरी के 86 और बाराबंकी के 82 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये विवरण के अनुसार, प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण हुए हादसों से तीन और बिजली गिरने, सर्पदंश एवं डूबने से एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
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