नयी दिल्ली, 12 जुलाई : अरबपति गौतम अडाणी के नेतृत्व वाली अडाणी डेटा नेटवर्क्स, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने आगामी 5जी नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन किया है. दूरसंचार विभाग की ओर से मंगलवार को जारी सूची में ये नाम शामिल हैं. स्पेक्ट्रम नीलामी 26 जुलाई से शुरू होगी और इसमें कुछ फ्रीक्वेंसी बैंड के लिए आक्रामक बोली लगाई जा सकती है, जहां अडाणी डेटा नेटवर्क और स्थापित कंपनियां रिलायंस जियो तथा भारती एयरटेल अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. आवेदकों के पास अपना आवेदन वापस लेने के लिए 19 जुलाई तक का समय है. पांचवीं पीढ़ी या 5जी दूरसंचार सेवाओं जैसे अत्यधिक उच्च गति वाला इंटरनेट संपर्क प्रदान करने में सक्षम इन एयरवेव की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन बीते शुक्रवार तक किए जाने थे.
विश्लेषकों का मानना है कि अडाणी समूह के 5जी दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी में कदम रखने से आगामी नीलामी में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी के समूह ने शनिवार को दूरसंचार स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल होने की पुष्टि की थी. समूह ने साथ ही कहा कि वह दूरसंचार स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल हवाईअड्डों से लेकर अपने व्यवसायों का समर्थन करने के लिए एक निजी नेटवर्क के रूप में करेगा. बोफा सिक्युरिटीज ने अडाणी समूह की 5जी नीलामी में बोली लगाने की योजना को लेकर एक बयान में कहा, ‘‘हम मौजूदा दूरसंचार कंपनियों के लिए इस समाचार को नकारात्मक मान रहे हैं. इससे आगामी नीलामी के साथ-साथ लंबी अवधि में क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी.’’ यह भी पढ़ें : गोवा कांग्रेस में ‘बगावत’ से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं: प्रमोद सावंत
वहीं, ब्रोकरेज कंपनी सीएलसी ने हैरानी जताई है कि अडाणी समूह सीधे स्पेक्ट्रम के आवंटन की प्रतीक्षा किये बिना नीलामी में बोली क्यों लगाएगा. सीएलसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘अडाणी समूह के नीलामी में बोली लगाने से स्पेक्ट्रम के मूल्य को लेकर अनिश्चितता पैदा होगी. यह प्रतिस्पर्धा पहले प्रमुख तौर पर भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के बीच मानी जा रही थी.’’
इसके अलावा क्रेडिट सुइस ने भी अडाणी समूह के 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने की योजना पर भी सवाल उठाया. क्रेडिट सुइस ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही निजी उद्यमों को बिना किसी लाइसेंस शुल्क के बेहतर कम लागत पर स्पेक्ट्रम प्राप्त करके खुद के इस्तेमाल के लिए गैर-सार्वजनिक नेटवर्क स्थापित करने की अनुमति दे दी है, ऐसे में अडाणी समूह के स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेने के पीछे कोई तार्किक कारण नजर नहीं आता. गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि यदि अडाणी समूह आगामी नीलामी में स्पेक्ट्रम खरीदने में सफल रहता है, तो इससे 5जी में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. साथ ही आगे चलकर समूह के उपभोक्ता मोबाइल सेवा कारोबार में उतरने का रास्ता खुल जाएगा.