नयी दिल्ली, चार नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार पर ‘फर्जी’ निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण करने और उनके लिए आवंटित धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया। पार्टी ने दावा किया कि इस धन का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी (आप) से संबंधित कामों में किया गया।
भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी के साथ संयुक्त रूप से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की नियत में ही खोट है।
पात्रा ने निर्माण श्रमिकों से संबंधित इसे भारत का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का मामला बताया।
उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिकों के लिए काम करने वाले तीन गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने फर्जीवाड़े के माध्यम से उनके पंजीकरण में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने ‘‘फर्जी’’ निर्माण श्रमिकों के लिए 3,000 करोड़ रुपये जारी किए।
संबंधित आंकड़ों का ब्योरा देते हुए पात्रा ने कहा कि 2006 से 2021 के बीच दिल्ली सरकार के श्रम विभाग के तहत 13 लाख से अधिक निर्माण श्रमिक पंजीकृत थे। इनमें से 9 लाख से अधिक 2018 से 2021 के बीच पंजीकृत किए गए थे।
उन्होंने कहा कि जांच में दिल्ली में दो लाख फर्जी पंजीकरण का खुलासा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि 65,000 श्रमिकों के पास एक ही मोबाइल नंबर था, जबकि 15,700 के पास दिल्ली में एक ही आवासीय पता था और शेष 4,370 का एक ही स्थायी पता था।
उन्होंने कहा कि हालांकि, एक ही अस्थायी या स्थायी पते को साझा करने वाला इनमें से कोई भी श्रमिक एक-दूसरे से जुड़ा नहीं है।
पात्रा ने दिल्ली सरकार पर निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए निर्धारित राशि में हेराफेरी का आरोप लगाया और कहा कि इससे प्राप्त रकम को आम आदमी पार्टी से जुड़े कामकाज में लगाया गया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)