चंडीगढ़, 15 जनवरी : चंडीगढ़ महापौर का आगामी चुनाव मिलकर लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने सोमवार को गठबंधन कर लिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने बताया कि समझौते के तहत ‘आप’ महापौर की सीट के लिए लड़ेगी जबकि कांग्रेस वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर के पद पर चुनाव लड़ेगी. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के दोनों घटक ‘आप’ और कांग्रेस इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत कर रहे हैं. लेकिन पंजाब में दोनों दलों की राज्य इकाइयां अभी तक एक-दूसरे को कोई रियायत देने के प्रति अनिच्छुक हैं. कांग्रेस और ‘आप’ की ओर से अलग-अलग दावा करके कहा जा रहा है कि वे पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीट जीतेंगे. ‘आप’ के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन की घोषणा के बाद बंसल ने कहा, ‘‘यह चंडीगढ़ में भाजपा के कुशासन के अंत की शुरुआत है.’’
कांग्रेस की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष एचएस लक्की ने कहा कि ‘आप’ उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा महापौर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह गैबी और निर्मला देवी क्रमशः वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर बंटी महौपर पद के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया है. इसी तरह ‘आप’ उम्मीदवार नेहा मुसावत और पूनम ने क्रमश: वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर ‘आप’ के चंडीगढ़ प्रभारी जरनैल सिंह ने कहा, ‘‘एक साथ मिलकर हम यह चुनाव आसानी से जीतेंगे और आखिरकार चंडीगढ़ में भाजपा के अलावा किसी अन्य पार्टी का महापौर होगा.’’ सिंह ने कहा कि महापौर का चुनाव एक उदाहरण स्थापित करेगा कि ‘आप’ और कांग्रेस मिलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हरा सकती हैं. सिंह ने कहा, ‘‘भाजपा की तानाशाही को खत्म करने के लिए ‘आप’ और कांग्रेस ने मिलकर यह चुनाव लड़ने का फैसला किया है. भाजपा ने चंडीगढ़ और इसके लोगों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया है, लेकिन अब सब कुछ बदल जाएगा.’’ यह भी पढ़ें : केरल में युवा कांग्रेस प्रमुख की सचिवालय जुलूस हिंसा मामले में अतिरिक्त गिरफ्तारी
‘आप’ और कांग्रेस ने चंडीगढ़ महापौर के लिए 18 जनवरी को होने वाले चुनाव के वास्ते गठबंधन करने का फैसला किया है. यह दोतरफा मुकाबला होने जा रहा है और विश्लेषकों का मानना है कि इससे दोनों दलों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बढ़त मिलेगी. चंडीगढ़ के 35 सदस्यीय नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं. पार्टी में एक पदेन सदस्य सांसद भी होता है जिसके पास मतदान का अधिकार होता है. ‘आप’ के 13 और कांग्रेस के सात पार्षद हैं. सदन में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का एक पार्षद है.
महापौर, वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए बृहस्पतिवार को मतदान होगा. कांग्रेस ने 2022 और 2023 में मतदान में भाग नहीं लिया था जिससे महापौर के चुनाव में भाजपा की जीत हुई. सदन के पांच साल के कार्यकाल के दौरान हर साल तीन पदों के लिए चुनाव होते हैं. इस साल महापौर की सीट अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए सुरक्षित है.