दरभंगा, 19 मई. लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों के हौसले की एक कहानी बिहार से सामने आई जब हरियाणा के गुरुग्राम से अपने पिता को साइकिल पर बैठा 15 साल की एक लड़की बिहार के दरभंगा पहुंच गई. दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखण्ड के सिरहुल्ली गांव निवासी मोहन पासवान गुरुग्राम में रहकर टेम्पो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करते थे पर इसी बीच वे दुर्घटना के शिकार हो गए. दुर्घटना के बाद अपने पिता की देखभाल के लिये 15 वर्षीय ज्योति कुमारी वहां चली गई थी पर इसी बीच कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी बंदी हो गयी.
आर्थिक तंगी के मद्देनजर ज्योति के साईकिल से अपने पिता को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की ठानी. बेटी की जिद पर उसके पिता ने कुछ रुपये कर्ज लेकर एक पुरानी साइकिल साईकिल खरीदी. ज्योति अपने पिता को उक्त साईकिल के कैरियर पर एक बैग लिए बिठाए आठ दिनों की लंबी और कष्टदायी यात्रा के बाद अपने गांव सिरहुल्ली पहुंची है. यह भी पढ़े-प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए प्रियंका गांधी के 1000 बस चलवाने का प्रस्ताव यूपी सरकार ने माना, बसों-ड्राइवरों की मांगी जानकारी
साइकिल पर बिठा अपने घायल पिता को घर ले जाती बेटी, देखें वीडियो-
A 15-year-old girl carries injured father on a bicycle, covers 1200 km distance from #Gurugram to #Bihar
Watch #TTP, with @PreetiChoudhry#Lockdown #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/yfeLMG4grk
— IndiaToday (@IndiaToday) May 19, 2020
गांव से कुछ दूरी पर अपने पिता के साथ एक पृथक-वास केंद्र में रह रही ज्योति अब अपने पिता के हरियाणा वापस नहीं जाने को कृतसंकल्पित है.वहीं ज्योंति के पिता ने कहा कि वह वास्तव में मेरी “श्रवण कुमार” है.
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