नयी दिल्ली, 26 जनवरी : देश के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कर्तव्य पथ पर परेड की शुरूआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सलामी लेने के साथ हुई. परेड की कमान जनरल ऑफिसर कमांडिंग, दिल्ली क्षेत्र, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार संभाल रहे हैं. मेजर जनरल सुमित मेहता, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र परेड के सेकेंड-इन-कमांड हैं. परमवीर चक्र और अशोक चक्र समेत सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के विजेता परेड कमांडर के पीछे चल रहे हैं.
इनमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त), अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल सीए पीठावाला (सेवानिवृत्त), कर्नल डी श्रीराम कुमार और लेफ्टिनेंट कर्नल जसराम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल हैं. परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है, जबकि अशोक चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के अलावा अन्य कार्यों के लिए भी दिया जाता है. परेड में सशस्त्र बल स्वदेश विकसित आयुधों और सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन कर रहे हैं जिनमें मिसाइल प्रणाली, ड्रोन जैमर, निगरानी प्रणाली और बीएमपी-2 इन्फेंट्री लड़ाकू वाहन आदि मुख्य आकर्षण हैं. यह भी पढ़ें : लोकतंत्र में असहमति महत्वपूर्ण, लेकिन यह हिंसा में नहीं बदलनी चाहिए: केरल के राज्यपाल
पहली बार कर्त्तव्य पथ पर मार्च करते हुए तीनों सेनाओं से महिलाओं की एक टुकड़ी शामिल हो रही है, जिसका नेतृत्व सैन्य पुलिस की कैप्टन संध्या कर रही हैं. इसमें तीन अतिरिक्त अधिकारी कैप्टन शरण्या राव, सब लेफ्टिनेंट अंशू यादव और फ्लाइट लेफ्टिनेंट शृष्टि राव हैं. पहली बार, परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकारों ने भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए की. परेड की शुरुआत इन महिला कलाकारों ने शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि बजाते हुए मधुर संगीत के साथ की. परेड में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कुल 16 झांकियां भाग ले रही हैं, वहीं केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की नौ झांकियां इसका हिस्सा बन रही हैं. गणतंत्र दिवस परेड की अवधि करीब 90 मिनट है.