लखनऊ, आठ अगस्त उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में 672 गांव इस समय बाढ़ से प्रभावित हैं और कई नदियां खतरे का निशान पार कर गयी हैं।
राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर ने शनिवार को कहा, ''वर्तमान में प्रदेश के 18 जनपद अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, देवरिया, संतकबीरनगर तथा सीतापुर के 672 गांवों बाढ़ से प्रभावित हैं।''
उन्होंने कहा, ''पलिया कला—लखीमपुरखीरी में शारदा नदी, तुर्तीपार—बलिया में सरयू नदी, एल्गिनब्रिज—बाराबंकी और अयोध्या में सरयू—घाघरा तथा बर्डघाट—गोरखपुर में राप्ती नदियां अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही हैं।’’
राजभर ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शनिवार को उन्होंने जलशक्ति राज्य मंत्री बलदेव औलख और अपर मुख्य सचिव (सिंचाई) के साथ बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर एवं बाराबंकी जिलों में सिंचाई के साथ बाढ़ राहत कार्य, स्वास्थ्य, बचाव दल की उपलब्धता तथा बाढ़ के संबंध में समस्त तैयारियों के बारे में जिलाधिकारी तथा जनपद के अन्य अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की। इसके अलावा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भी निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ राहत कार्यों हेतु निर्देश दिये गये हैं कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में विषैले सर्प और कीटों का प्रकोप काफी संख्या में रहता है, जिनके काटने से काफी जनहानि व पशुहानि होती है। बाढ़ राहत शरणालयों के आस-पास की झाड़ी की सफाई की जाय और रात्रि में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय। जल बहाव के कटान से प्रभावित भूमि के समीप स्थित स्कूल व पंचायत भवनों में बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों हेतु शरणालय न बनाया जाय और ऐसे स्कूल व भवनों में कक्षाओं का संचालन न किया जाय।
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिये हैं कि जलभराव वाले क्षेत्रों से गुजरने वाले विद्युत तारों खम्भों को दुरूस्त रखा जाय और यह सुनिश्चित किया जाय कि बिजली के करंट से कोई जनहानि, पशुहानि, मकान क्षति न होने पाए।
राजभर ने बताया कि वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित हैं। प्रदेश में बाढ़ के संबंध में निरन्तर निगरानी की जा रही है और कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक स्थिति नहीं है। प्रदेश के प्रभावित जनपदों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें तैनात की गयी हैं जबकि 780 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं। बाढ़ एवं अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। कुल 253 मेडिकल टीमें लगायी गयी हैं। बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 236 बाढ़ शरणालय और चार जनपदों के 44 शरणालयों में 4,087 व्यक्ति रह रहे हैं तथा 715 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में 175 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं तथा 6,08,902 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया है।
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