मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल की सीटों पर भाजपा का सारा दारोमदार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (महाराज) पर रहने वाला है. यही कारण है कि दोनों नेताओं ने इस इलाके पर जोर लगाना शुरू कर दिया है. राज्य में जिन 27 विधानसभा सीटों पर आगामी समय में उपचुनाव होना है, उनमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल अंचल से आती हैं. इस इलाके को सिंधिया राजघराने का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली भारी सफलता का श्रेय भी सिंधिया को दिया जाता रहा और अब सिंधिया भाजपा में हैं, इसलिए उन पर इस इलाके में पार्टी को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है.
राज्य की सियासत में मुख्यमंत्री शिवराज और राज्यसभा सांसद सिंधिया को भीड़ जुटाऊ नेता के तौर पर देखा जाता है. भाजपा इन दोनों नेताओं के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति पर काम कर रही है और यही कारण है कि इन दोनों नेताओं के ज्यादातर दौरे अब एक साथ होंगे, जिसकी शुरुआत भी हो गई है.
सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया भी मानते हैं कि देश में दो ही 'मास लीडर' हैं. एक मुख्यमंत्री चौहान और दूसरे सिंधिया इन दोनों नेताओं की बात लोग सुनते हैं.
वहीं, कांग्रेस इस क्षेत्र में सिंधिया के प्रभाव को स्वीकरने को तैयार नहीं है. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है, "इस इलाके की जनता गद्दारों का साथ नहीं देगी. जनता तो शिवराज और सिंधिया को करारा जवाब देने के लिए तैयार बैठी है. कांग्रेस नेताओं की सभाओं में आ रही भीड़ अपना संदेश और मूड बता रही है कि वह आगामी उपचुनाव में क्या करने वाली है."
ग्वालियर-चंबल अंचल के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस क्षेत्र में सिंधिया के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता. यह बात अलग है कि वे खुद लोकसभा का चुनाव हार गए थे. कांग्रेस इसी बात को लेकर चल रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि सिंधिया को चाहने वालों की संख्या कम नहीं है. पिछले विधानसभा चुनाव मे सिंधिया केंद्र में थे और अब उपचुनाव में भी केंद्र में होंगे. यही कारण है कि भाजपा ने अपनी रणनीति पर काम करना भी शुरू कर दिया है.
सिंधिया और चौहान इस अंचल के चार दिन के दौरे पर हैं. पहले दिन दिमनी, पोरसा व मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे. आगामी दिनों में 11 सितंबर को पोहरी, करैरा व डबरा विधानसभा क्षेत्र, 12 सितंबर को सुमावली, जौरा व ग्वालियर पूर्व विधानसभा और 13 सितंबर को भांडेर व गोहद विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे।