तम्बाकू खाकर सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर 6 महीने की जेल
जमात

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने एक आदेश जारी करते हुए सार्वजानिक जगहों पर पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाया है।

संजय ने बताया कि पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका खाकर यत्र तत्र थूकने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है। अतः सार्वजानिक जगहों पर तम्बाकू पदार्थों के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।

संजय ने तम्बाकू अथवा कोई अन्य पदार्थ खाकर यत्र-तत्र थूकने पर छह माह का कैद अथवा 200 रुपये जुर्माने का आदेश जारी किया है।

भादवि की धारा 268 एवं 269 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि महामारी के अवसर पर उपेक्षापूर्ण अथवा विधि विरूद्ध कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण हो सकता है तो उसे छह माह का कारावास एवं अथवा 200 रुपये जुर्माना किया जा सकता है।

आदेश में बताया गया है कि खैनी और गुटका खाकर यत्र तत्र थूकने से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा है। अतः राज्य के सभी सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थान, सभी शैक्षणिक संस्थान, थाना परिसर आदि में किसी भी प्रकार का तंबाकू पदार्थ, सिगरेट, खैनी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा आदि के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया है। यदि कोई भी अधिकारी, कर्मचारी अथवा आगंतुक इसका उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कानून के अनुरूप कार्रवाई होगी।

सभी जिलों के जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं उल्लंघन करने पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी सरकारी—गैर सरकारी परिसरों में उक्त आशय का बोर्ड लगवाने के निर्देश दिया है।

विदित हो कि बिहार में राज्य सरकार ने पान मसाला में मैग्निसियम कार्बोनेट निकोटिन पाए जाने के कारन पिछले अगस्त महीने से ही 15 ब्राण्ड के पान मसाला के विनिर्माण, भण्डारण एवं बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है।

बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के आलोक में बिहार के एक तिहाई से ज्यादा जिलों के जिलाधिकारी ने अपने जिले में सभी सरकारी—गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि तम्बाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है।

तम्बाकू सेवन करने वालों की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी यथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। इससे बचाव के लिए बिहार सहित पुरे देश में जहां लॉकडाउन किया गया है वहीं कई तरह के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।

बिहार में तम्बाकू नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की तकनीकी संस्थान सोसिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलोपमेन्ट सोसाइटी के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने जिला पदाधिकारी द्वारा निर्गत आदेश का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे तम्बाकू के उपयोग में कमी आएगी साथ ही कोरोना जैसी महामारी फैलने का खतरा कम रहेगा।

मिश्र ने बताया कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संघठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित गैटस 2 के सर्वे में बिहार में तम्बाकू सेवन करने वालों में कमी आई है, यह आंकड़ा विगत 7-8 साल में 53.5% से घट कर 25.9% हो गया है। जिसमें चबानेवाले तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 23.5% है।

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