कोलकाता, आठ अक्टूबर स्थानीय आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कम से कम 50 चिकित्सकों ने मंगलवार को अपना इस्तीफा दे दिया। इन चिकित्सकों ने बलात्कार एवं हत्याकांड की शिकार प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग को लेकर पांच अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे चिकित्सकों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए यह कदम उठाया है। अस्पताल से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इस घटनाक्रम के तुरंत बाद, पश्चिम बंगाल के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों के वरिष्ठ चिकित्सकों के एक वर्ग ने कहा कि वे भी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए इस्तीफा दे सकते हैं।
यह घटनाक्रम शहर में सात कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में उनके साथियों द्वारा एकजुटता प्रदर्शित करते हुए किए जा रहे प्रतीकात्मक 12 घंटे के उपवास के मद्देनजर सामने आया है।
राज्य-संचालित अस्पतालों के चिकित्सकों के संगठनों में से एक ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विसेज डॉक्टर्स’ के प्रतिनिधि डॉ. मानस गुमटा ने कहा, ‘‘अगर सरकार विरोध प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों की उचित और प्रासंगिक मांगों पर अपने पैर पीछे खींचती रही, तो हम सरकारी अस्पतालों के सभी वरिष्ठ चिकित्सकों से इस्तीफा देने के लिए राज्यव्यापी आह्वान करने के लिए मजबूर होंगे। यह हमारे कनिष्ठ सहयोगियों के साथ एकजुटता का एक कदम होगा। हम आज दिन खत्म होने से पहले अपने संगठन के भीतर इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।’’
राज्य सरकार ने अपनी ओर से कहा है कि वह आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों से किये गये वादे पर अमल करते हुए सुरक्षा के उपाय तैयार करेगी और इसे नवम्बर के पहले सप्ताह तक जारी करेगी। इन उपायों में केंद्रीकृत बिस्तर प्रबंधन प्रणाली, सीसीटीवी कैमरा और पैनिक बटन लगाया जाना शामिल हैं।
आमरण अनशन पर बैठे चिकित्सकों की मांगों में राज्य के स्वास्थ्य सचिव को हटाना, मेडिकल कॉलेज परिसरों में नागरिक स्वयंसेवकों के बजाय पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति, चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के रिक्त पदों को भरना, छात्र चुनाव कराना और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन को मान्यता देना, राज्य चिकित्सा परिषद की कथित अनियमितताओं की जांच और 'धमकी देने वाले गिरोह' में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए कॉलेज स्तर की जांच समितियों का गठन करना शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय मंगलवार सुबह सरकारी अस्पताल के विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक में लिया गया।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘आज विभाग प्रमुखों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। हमारे अस्पताल के सभी 50 वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने त्यागपत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह उन युवा चिकित्सकों के प्रति हमारी एकजुटता को व्यक्त करने के लिए है, जो एक मुद्दे के लिए लड़ रहे हैं।’’
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