जरुरी जानकारी | आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये 24 घंटे भरोसेमंद बिजली जरूरी: आर के सिंह

नयी दिल्ली, 30 जुलाई विद्युत मंत्री आर के सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिये 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी नीतियां और कार्यक्रम उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर तैयार होने चाहिए।

सिंह ने बिजली क्षेत्र से जुड़ी एक समीक्षा बैठक के बाद एक बयान में कहा, ‘‘उपभोक्ताओं की संतुष्टि के साथ 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण और भरोसेमंद बिजली उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह अर्थव्यवस्था और देश के त्वरित विकास के लिए प्रमुख तत्व है।’’

उन्होंने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों/प्रधान सचिवों (विद्युत/ऊर्जा) और वितरण कंपनियों के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक के साथ ‘ऑनलाइन’ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में बिजली राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, केंद्रीय बिजली सचिव आलोक कुमार और बिजली मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

बयान के अनुसार बैठक के दौरान बिजली क्षेत्र में किये जा रहे सुधारों के साथ-साथ नई सुधार आधारित और परिणाम से जुड़ी वितरण क्षेत्र की योजना के दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई। इसके साथ आईपीडीएस (एकीकृत बिजली विकास योजना) और डीडीयूजीजेवाई (दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) योजनाओं की भी समीक्षा की गई।

सिंह ने कहा कि बिजली क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में उत्पादन, पारेषण और वितरण के क्षेत्रों में शानदार वृद्धि हुई है। देश 3,84,000 मेगावाट की स्थापित उत्पादन क्षमता के साथ बिजली की कमी से बिजली अधिशेष वाला बन गया है।

उन्होंने कहा कि एक लाख मेगावाट से अधिक की अंतर-क्षेत्रीय अंतरण क्षमता के साथ पूरे देश को एक एकीकृत ग्रिड में जोड़ने के लिए पारेषण नेटवर्क का विस्तार किया गया है।

मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से गांवों के शत प्रतिशत विद्युतीकरण और 2.82 करोड़ घरों में बिजली पहुंचायी गयी है।

उन्होंने कहा कि आज के परिदृश्य में सभी नीतियां और कार्यक्रम उपभोक्ता केंद्रित होने चाहिए।

सिंह ने कहा कि वितरण क्षेत्र की संशोधित योजना बिजली क्षेत्र में अपनी तरह की सबसे बड़ा कार्यक्रम है और वितरण प्रणाली को मजबूत करने तथा आधुनिकीकरण के लिए राज्यों/वितरण कंपनियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोष उपलब्ध है।

उन्होंने वितरण क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि योजना में ऊर्जा लेखांकन के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) और सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग की परिकल्पना की गई है। ताकि नुकसान में कमी के साथ-साथ भरोसेमंद बिजली आपूर्ति में सुधार लाया जा सके।

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