Coronavirus Cases Update: झारखंड में COVID-19 के 101 नए मामले दर्ज, तीन और संक्रमित मरीजों की हुई मौत
झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण से गत 24 घंटे में तीन और मरीजों की मौत हुयी है जिन्हें मिलाकर अबतक राज्य में 1057 लोगों की जान इस महामारी में जा चुकी है. स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में बताया कि इस अवधि में संक्रमण के 101 नये मामले भी सामने आये जिन्हें मिलाकर राज्य में अबतक कोविड-19 के शिकार हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 1,17,887 हो गयी.
रांची, 20 जनवरी: झारखंड में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से गत 24 घंटे में तीन और मरीजों की मौत हुयी है जिन्हें मिलाकर अबतक राज्य में 1057 लोगों की जान इस महामारी में जा चुकी है. स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में बताया कि इस अवधि में संक्रमण के 101 नये मामले भी सामने आये जिन्हें मिलाकर राज्य में अबतक कोविड-19 के शिकार हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 1,17,887 हो गयी. वहीं, पूरे राज्य में कोविड-19 से बचाव के लिए प्रारंभ किये गये टीकाकरण अभियान के तहत मंगलवार को कुल 2,749 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया जिनमें से किसी में भी गंभीर दुष्प्रभाव सामने नहीं आए. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि झारखंड में अबतक संक्रमित 1,17,887 लोगों में से 1,15,683 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 1,147 मरीज इस समय उपचाराधीन हैं.
विभाग ने बताया कि गत 24 घंटे में झारखंड में संक्रमण से तीन लोगों की मौत हुयी जिनमें रांची, पलामू और धनबाद के एक-एक मरीज शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कुल 13,886 नमूनों की जांच की गयी जिनमें से 101 संक्रमित पाये गये. इन संक्रमितों में रांची के 53, धनबाद के 15 एवं बोकारो के नौ मरीज शामिल हैं. दूसरी ओर कोविड-19 से बचाव के लिए प्रारंभ टीकाकरण अभियान के तहत मंगलवार को राज्य के 48 केन्द्रों पर कुल 2749 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाये गये. हालांकि, मंगलवार को कुल 4,892 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन करीब 56 प्रतिशत ने ही टीके लगवाये.
टीका लगवाने के बाद 18 लोगों में दुष्प्रभाव के मामूली लक्षण दिखे जिनमें से 13 मामले अकेले रामगढ़ से आए. यहां मंगलवार को सर्वाधिक 174 लोगों को टीके लगाये गये जबकि रांची में 353 के लक्ष्य के मुकाबले 171 लोगों ने ही टीके लगवाये. राज्य में टीकाकरण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अजीत प्रसाद ने बताया कि महत्वपूर्ण बात यह रही कि किसी भी मामले में टीका लगवाने वाले व्यक्ति को रेफरल अस्पताल की सेवा नहीं लेनी पड़ी.
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