Hapur Factory Explosion: हापुड़ की फैक्‍ट्री में विस्‍फोट से मरने वालों में भंडेरी गांव के 10 लोग शामिल
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits PixabayI)

शाहजहांपुर (उप्र) 6 जून : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हापुड़ जिले के धौलाना औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में हुए विस्फोट में मारे गये 13 लोगों में 10 शाहजहांपुर जिले के भंडेरी गांव के थे. पूरे गांव में मातम पसरा है. ग्रामीणों की शिकायत है कि गांव के 40 लोग वहां काम करने गये थे, जिनमें से बहुत से लोगों का पता नहीं चल पा रहा है. शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस आनन्द ने रविवार को ‘पीटीआई-’ को बताया कि धौलाना विस्फोट में मरने वालों में शाहजहांपुर जिले के भंडेरी गांव के 10 युवक शामिल हैं.

आनन्द ने बताया कि मृतकों में भंडेरी गांव के सर्वेश, अनिल, भूरे, रामू, अनूप, प्रेमपाल, इरफान, छविराम, नूर हसन और राघवेंद्र की शिनाख्त कर ली गई है. ग्रामीणों के अनुसार सभी मृतक 25 से 35 वर्ष के बीच के हैं. उन्होंने बताया कि जिले के कांट थाना के अंतर्गत भंडेरी गांव में रहने वाले कई परिवारों के लोग हापुड़ के कारखाने में काम करने गए थे, ऐसे में पूरे गांव में शोक का माहौल है. एसपी ने कहा कि संबंधित कांट थाना प्रभारी को आवश्यक निर्देशों के साथ गांव में भेजा गया है और उन्हे मृतकों के परिवारों के खाने आदि की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं. यह भी पढ़ें : उत्तराखंड बस दुर्घटना: मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने देहरादून से संभाला मोर्चा

आनन्‍द ने बताया कि भंडेरी गांव में क्षेत्राधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने जाकर मृतकों के परिजनों को ढाढस बंधाया तथा शोक संवेदना व्यक्त की. उल्लेखनीय है कि धौलाना थाना के औद्योगिक क्षेत्र में शनिवार को एक केमिकल फैक्ट्री में बॉयलर फटने से 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य घायल हो गये. राष्ट्रीय राजधानी से करीब 80 किलोमीटर दूर धौलाना में यूपीएसआईडीसी (औद्योगिक क्षेत्र) में स्थित फैक्ट्री में घटना के वक्त करीब 30 लोग थे. भंडेरी गांव के लोगों ने बताया कि गांव के करीब 40 लोग धौलाना की फैक्ट्री में काम करने गये थे. इन लोगों ने अपने घर पर बताया था कि वह खिलौना बनाने वाले कारखाने में काम कर रहे हैं. घटना से एक दिन पहले भी शुक्रवार को गांव के गई युवक धौलाना काम करने गये.

गांव के प्रधान के बेटे धर्मेंद्र सिंह कुशवाहा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को रविवार को बताया, ‘‘हमारे गांव में जिधर भी निकल जाओ, उधर से रोने की आवाज सुनाई दे रही है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कोई भी नेता, विधायक तथा प्रशासनिक अधिकारी गांव में नहीं आया है. कुशवाहा के मुताबिक इस गांव के लगभग 40 लोग हापुड़ के कारखाने में काम करने गये थे. कुशवाहा ने आरोप लगाया कि गांव के लोग जब हापुड़ पहुंचे तो उन्‍हें अस्‍पताल में नहीं जाने दिया गया और न ही उन्हें कोई सूचना दी गई.

भंडेरी की पूजा ने बताया कि उनका बेटा हापुड़ गया है, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल रहा है. राजेश ने भी कहा कि उनका भी बेटा कारखाने में काम करने गया था, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि वह खिलौना बनाने वाला नहीं, बल्कि पटाखा बनाने वाला कारखाना है. ग्रामीण अख्तर अली ने बताया कि जो मजदूर यहां से हापुड़ के कारखाने में काम करने गए हैं, वह लोग वहां झोपड़ी डालकर रहते हैं. अली ने आरोप लगाया कि हापुड़ पहुंचे परिजनों को सटीक जानकारी नहीं दी जा रही है. इस संबंध में जिले के ददरौल विधानसभा क्षेत्र के विधायक मानवेंद्र सिंह ने बताया कि वह मामले की जानकारी हासिल कर रहे हैं. भंडेरी गांव ददरौल विधानसभा क्षेत्र में आता है.