जरुरी जानकारी | भारत, अमेरिका की शीर्ष कंम्पनियों ने पारस्परिक निवेश अवसर बढ़ाने के उपायों पर की चर्चा

नयी दिल्ली, 15 जुलाई भारत और अमेरिका के शीर्ष मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने मंगलवार को स्वास्थ्य, एयरोस्पेस, रक्षा, बुनियादी ढांचा, आईसीटी और वित्तीय सेवा समेत अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी।

भारत-अमेरिका सीईओ मंच के टेलीफोन के जरिये आयोजित सम्मेलन में यह चर्चा की गयी। मंच की सह-अध्यक्षता टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और लॉकहीड मार्टिन के अध्यक्ष एवं सीईओ जेम्स टेसलेट ने की।

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बयान के अनुसार चंद्रशेखरन ने मजबूत होते द्विपक्षीय रिश्तों के साथ मुक्त व्यापार समझौते की जरूरत को रेखांकित किया और अमेरिकी सरकार से भारत के मानव संसाधन के योगदान को स्वीकार करने का आग्रह किया। उन्होंने ऐसी प्रतिभाओं को बेरोक-टोक आवाजाही की जरूरत बतायी।

पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुशल कामगारों के लिये एच-1बी वीजा के आधार पर साल की शेष अवधि के लिये विदेशी कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर आदेश जारी किया। साथ ही उन्होंने कंपनी के भीतर स्थानांतरित प्रबंधकों और विशेष योग्यता रखनेवाले कर्मचारियों के लिये एल-वीजा पर भी पाबंदी लगायी।

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वहीं दूसरी तरफ टैसलेट ने कुछ क्षेत्रों में बिना किसी पाबंदी के विदेशी मालिकाना हक, नीति के मोर्चे पर स्थिरता, भरोसा, समय पर विवाद समाधान, बौद्धिक संपदा का संरक्षण और ढांचागत क्षेत्र में लगातार निवेश की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने उम्मीद जतायी कि कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग ढांचागत क्षेत्र के निर्माण, द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजन के क्षेत्र में आगे भी जारी रहेगा।

बयान में कहा गया है, ‘‘सीईओ मंच के सदस्यों ने स्वास्थ्य और औषधि, एयरोस्पेस, रक्षा, ढांचागत क्षेत्र और विनिर्माण, उद्यमिता तथा छोटे कारोबारियों को बढ़ावा देने, ऊर्जा, पानी, पर्यावरण, वित्तीय सेवा, व्यापार तथा निवेश समेत अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश के अवसर बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। बैठक में सुधारों और नीतगत मोर्चे पर की गयी सिफारिशों को प्रस्तुत किया गया।’’

दिसंबर 2014 में भारत और अमेरिका ने इस मंच का गठन किया। तब से यह यह पांचवां मौका है जब मंच की बैठक हुई है।

यह एक महतवपूर्ण है मंच है जहां उन मुद्दों पर चर्चा होती है जो कंपनियों को प्रभावित करती हैं। साथ ही दोनों देशों के द्विपक्षीय लाभ के लिये सहयोग को लेकर विभिन्न क्षेत्रों को चिन्हित किया जाता है।

बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रोस ने की।

बयान के अनुसार गोयल ने दोनों देशों में छोटी कंपनियों के महत्व पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने रोजगार बढ़ाने तथा क्षेत्र में कौशल विकास के महत्व को भी रेखांकित किया।

उन्होंने मंच से आग्रह किया कि वह कोविड-19 के बाद की दुनिया के लिये आगे के रास्ते को लेकर योजना तैयार करने के मामले में अगुवा बने।

भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जेस्टर ने भारत-अमेरिका वाणिज्यक संबंधों में व्यापक संभावनाओं की ओर मंच का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने मंच के प्रत्येक कार्यकारी समूह से वाणिज्यिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिये नीति के स्तर पर सुझाव देने को कहा जिसे दोनों तरफ से क्रियान्वित किया जा सके।

अमेरिका व्यापार के मामले में लगातार दूसरे वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का शीर्ष भागीदार बना हुआ है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले वित्त वर्ष में 88.75 अरब डॉलर रहा जो 2018-19 में 87.96 अरब डॉलर था।

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