रायपुर, 12 अगस्त छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एनआईए की विशेष अदालत ने झीरम घाटी नक्सली हमले को लेकर दर्ज किए गए नए मामले जांच एजेंसी को सौंपने का निर्देश देने से इंकार कर दिया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता किशोर भादुड़ी ने बताया कि एनआईए अदालत के विशेष न्यायाधीश डीएन भगत की अदालत ने झीरम घाटी नक्सली हमले के संबंध में 26 मई को दर्ज नये मामले जांच एजेंसी को सौंपने का निर्देश देने से मना कर दिया है।
अदालत ने कहा कि एनआईए अधिनियम की धारा-10 में राज्य सरकार को भी अनुसूचित अपराध का जांच करने का अधिकार है।
बस्तर जिले की झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था। इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 29 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
यह भी पढ़े | Independence Day 2020: ओडिशा सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर कुछ घंटों के लिए लॉकडाउन में ढील देने की घोषणा की.
इस संबंध में बस्तर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में मामला एनआईए को सौंप दिया गया। जांच एजेंसी ने सितंबर, 2014 में आरोपपत्र दाखिल किया।
इस साल 26 मई को झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेस नेता उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने दरभा पुलिस थाने में एक नयी प्राथमिकी दर्ज करायी। उन्होंने हमले के षड्यंत्र की जांच की मांग की है।
अदालत ने कहा कि मुदलियार द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद एनआईए ने 16 जून को अदालत में अर्जी देकर अनुरोध किया है कि अदालत बस्तर के पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच नहीं करने और सभी दस्तावेज एनआईए को सौंपने का निर्देश दे।
जांच एजेंसी की अधिवक्ता ने बताया कि एनआईए द्वारा इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)