जयपुर, 16 जुलाई पूर्व मंत्री एवं सचिन पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा पर आरोप लगा है कि वह कई बार निर्वाचित सरकार गिराने का प्रयास कर चुके हैं और इस बार उन्होंने यह कोशिश पायलट के साथ मिलकर की। हालांकि सफलता उन्हें कभी नहीं मिली।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे की ओर से गुरुवार रात जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘शर्मा ने 90 के दशक में सरकार गिराने के कई प्रयास किए थे। यह सचिन पायलट के साथ मिलकर सरकार गिराने का उनका पांचवां प्रयास है। पर ये कभी सफल नहीं हुए।’’
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बयान में कहा गया, ‘‘उस वक्त 90 के दशक में अशोक गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री रहते हुए और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए हमेशा भाजपा की सरकार गिराने का कड़ा विरोध किया तथा कहा कि ये खरीद-फरोख्त से सरकार गिराना हमारे राजस्थान में परम्परा नहीं है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘जब तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत गंभीर स्थिति में हृदय के ऑपरेशन के लिए अमेरिका गये थे तब भंवरलाल शर्मा गहलोत से मिले, पर गहलोत ने उन्हें समझाया कि बीमार व्यक्ति के विदेश जाने पर पीछे से सरकार गिराने का षड्यंत्र भी नैतिकता के खिलाफ है। एक मौका ऐसा भी आया जब गहलोत ने इसके लिए तत्कालीन राज्यपाल बलिराम भगत से तथा प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव से मिलकर कहा था कि हम इस प्रकार की साजिश में किसी भी कीमत पर भाग नहीं लेंगे।’’
इसमें कहा गया, ‘‘उस वक्त भी भंवरलाल शर्मा द्वारा विधायकों को पैसे भी बांटे गये थे तथा एक विधायक ने तो मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत को बता भी दिया था कि उन्हें पांच लाख रुपये दिये गये थे। यह बात उस वक्त मीडिया में खूब प्रचारित हुई थी।’’
बयान में आरोप लगाया गया है कि शर्मा अब सचिन पायलट के षड्यंत्र में शामिल होकर पार्टी को तोड़कर भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने के दिवास्वपन देखने लगे हैं।
यह बयान गुरुवार को सामने आई उस आडियो क्लिप के बाद जारी किया गया है कि जिसमें कथित तौर पर शर्मा एक केंद्रीय मंत्री से अशोक गहलोत खेमे के विधायकों को सचिन पायलट के खेमे में लाने की बात करते सुनाई देते हैं।
इसके थोड़ी देर बाद ही शर्मा ने एक वीडियो संदेश में ऑडियो क्लिप को फर्जी करार दिया। शर्मा इस बार सातवीं बार विधायक हैं।
उन्होंने ऑडियो क्लिप के बारे में कहा, ‘‘यह न मेरी आवाज है, न मेरी कहीं वार्ता हुई। यह बिलकुल फर्जी है।’’
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