नायक जॉर्जेस लोइंगर का निधन, World War 2 में सैकड़ों बच्चों की बचाई थी जान
नाजियों के खिलाफ फ्रांस के संघर्ष के नायक रहे जॉर्जेस लोइंगर का 108 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सैकड़ों यहूदी बच्चों की जान बचाने के लिए जाना जाता है. लोइंगर ने संघर्ष के दौरान फ्रांस-स्विजरलैंड सीमा पर छोटे-छोटे समूहों में बच्चों को बचाया था..
पेरिस: नाजियों के खिलाफ फ्रांस (France) के संघर्ष के नायक रहे जॉर्जेस लोइंगर (Georges Loinger) का 108 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध (World War II) के दौरान सैकड़ों यहूदी बच्चों की जान बचाने के लिए जाना जाता है. लोइंगर ने संघर्ष के दौरान फ्रांस-स्विजरलैंड (France-Switzerland) सीमा पर छोटे-छोटे समूहों में बच्चों को बचाया था. शुक्रवार को फ्रांस के हॉलोकॉस्ट मेमोरियल फाउंडेशन ( Holocaust Memorial Foundation) की वेबसाइट पर लोइंगर को खास व्यक्ति बताते हुए उनके निधन की घोषणा की गई. जिन बच्चों को लोइंगर ने बचाया, उन्हें यहूदी बच्चों की मदद करने वाली संस्था ओएसई की निगरानी में रखा गया.
इन सभी बच्चों के परिजनों को या तो मार दिया गया था या फिर नाजी बंदी शिविर में भेज दिया गया था. लोइंगर का जन्म 1910 में स्ट्रैसबर्ग में हुआ था. उन्हें रेजिस्टेंट मेडल (Continental medal), मिलिट्री क्रॉस (Military Cross) और लीजन ऑफ ऑनर (Legion of Honor) पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. वर्ष 1940 में फ्रांस की सेना में सेवा के दौरान जर्मनी ने उन्हें जेल में डाल दिया था.
हालांकि लोइंगर के सुनहरे बाल और नीली आखों की वजह से उन्हें बंदी बनाने वालों ने समझा कि वह यहूदी नहीं हैं. इस तरह लोइंगर उन्हें चकमा देकर भागने में कामयाब हुए और ओएसई में शामिल हो गए. इसके बाद अप्रैल 1943 और जून 1944 के बीच ओएसई कार्यकर्ताओं ने युद्ध में फंसे बच्चों को बचाकर स्विटजरलैंड भेजने का अभियान चलाया.
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लोइंगर को अकेले 350 बच्चों को बचाने का श्रेय दिया जाता है. द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी के कब्जे वाले फ्रांस से अनेक बच्चों समेत करीब 75 हजार यहूदियों को निर्वासित किया गया था. इनमें करीब सभी लोगों की औशविट्ज (Auschwitz) और दूसरे इलाकों में लगे शिविरों में मौत हो गई थी.