ट्रंप की वापसी से पहले यूक्रेन पर सहयोगी देशों ने क्या बात की

अमेरिका में सरकार बदलने से पहले जर्मनी के रामश्टाइन में अमेरिकी एयरबेस पर लगभग 50 सहयोगी देशों के प्रतिनिधियों की गुरुवार, 09 जनवरी को बैठक हुई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

अमेरिका में सरकार बदलने से पहले जर्मनी के रामश्टाइन में अमेरिकी एयरबेस पर लगभग 50 सहयोगी देशों के प्रतिनिधियों की गुरुवार, 09 जनवरी को बैठक हुई है. इसी महीने की 20 तारीख को डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका की बागडोर संभालेंगे.अमेरिका में ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद यूक्रेन को अब तक जारी अमेरिकी सैन्य सहयोग का भविष्य तय होगा. इसे लेकर आशंकाओं और अटकलों का दौर जारी है.

ट्रंप की वापसी एक अवसर

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने डॉनल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के बाद एक "नया अध्याय" शुरू होने की उम्मीद जताई है. उन्होंने पश्चिमी सहयोगियों से सैनिक भेजने की मांग की है ताकि "रूस पर शांति के लिए दबाव" बन सके. बैठक में जेलेंस्की ने कहा, "यह साफ है कि यूरोप और पूरी दुनिया के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा - अब से सिर्फ 11 दिन बाद, वो समय आयेगा जब हमें ज्यादा सहयोग करना होगा, एक दूसरे पर और ज्यादा भरोसा करना होगा और साथ मिल कर बड़े नतीजे हासिल करने होंगे." जेलेंस्की ने यह भी कहा, "मैं इसे मौके की तरह देखता हूं."

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के तीन साल पूरे होने वाले हैं. इस मौके पर जेलेंस्की ने पश्चिमी सहयोगियों से यूक्रेन की मदद के लिए सेना भेजने की मांग दोहराई है. जेलेंस्की ने कहा, "जितने ज्यादा संभव हों ऐसे उपायों को खोजना हमारा लक्ष्य है, ताकि रूस पर शांति के लिए दबाव बनाया जा सके. मुझे यकीन है कि इसके लिए सहयोगियों की तैनाती बेहतरीन उपायों में से एक है."

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यूक्रेन को सबसे बड़ी सहायता

अमेरिका में जो बाइडेन प्रशासन ने फरवरी 2022 से अब तक सबसे अधिक 65 अरब डॉलर से ज्यादा की सैन्य सहायता यूक्रेन को दी है. युद्ध शुरू होने के बाद तुरंत ही रामश्टाइन में बातचीत का सिलसिला अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शुरू किया था. गुरुवार को उन्होंने यूक्रेन के लिए 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की नई सैन्य सहायता का भी एलान किया.

रामश्टाइन की 25वीं बैठक की शुरुआत करते हुए ऑस्टिन ने कहा कि आक्रमणकारी रूसी सेनाओं के खिलाफ यूक्रेन का युद्ध "हम सब के लिए मायने रखता है." ऑस्टिन ने यह भी कहा, "मुक्त और संप्रभु लोगों के अधिकारों के सामने निरंकुश शासक अपने साम्राज्यवादी मंसूबों को नहीं थोप सकें यह सुनिश्चित करने में हम सब का हित है."

यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काया कैलस ने यूक्रेन को अमेरिकी सहायता जारी रहने की उम्मीद जताई है. कैलस का कहना है कि ऐसा नहीं होता तो यूरोपीय संघ आगे बढ़ कर नेतृत्व करने के लिए तैयार है. बैठक में कैलस ने कहा, "मैं सचमुच आश्वस्त हूं कि बाकी सभी सदस्य और संभवतया अमेरिका भी यूक्रेन को सहयोग जारी रखने पर तैयार हैं."

कैलस ने पत्रकारों से कहा कि इस समय भविष्य में यूक्रेन को अमेरिकी सहयोग पर "हमें सचमुच अटकलें नहीं लगानी चाहिए." हालांकि उन्होंने यह भी कहा, "यह अमेरिका के हित में नहीं है कि रूस दुनिया का सबसे ताकतवर देश बन जाए."

संभावित शांति से पहले जंग तेज

डॉनल्ड ट्रंप ने बड़ी मात्रा में यूक्रेन को सैन्य सहायता देने की आलोचना की है. उन्होंने सत्ता में आने के तुरंत बाद युद्ध को बंद कराने का भी वादा किया है. हालांकि वह ऐसा कैसे करेंगे इसके लिए कोई शांति समझौता या युद्धविराम की कोई ठोस योजना या प्रस्ताव उन्होंने सामने नहीं रखा है.

रूस और अमेरिका की सेनाओं के बीच फिलहाल तेज जंग जारी है. ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापसी से पहले दोनों देश जंग के मैदान में अपनी स्थिति को सुरक्षित बना लेना चाहते हैं. ट्रंप ने नाटो सहयोगियों की साझे रक्षा खर्च में कम पैसा खर्च करने के लिए उनकी आलोचना की है.

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इसी हफ्ते ट्रंप ने ग्रीनलैंड को हथियाने के लिए सैन्य अभियान को खारिज करने से इनकार कर कई आशंकाओं को भी जन्म दिया है. ग्रीनलैंड यूरोपीय संघ और नाटो सदस्य डेनमार्क का एक स्वायत्त इलाका है. नाटो के महासचिव मार्क रुटे का कहना है कि सहयोगियों को यूक्रेन की मदद करने की जरूरत है ताकि वह किसी युद्धविराम या शांति वार्ता से पहले मजबूत स्थिति में पहुंच सके.

एनआर/आरपी (एएफपी)

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