Pakistan: पंजाब प्रांत के सिद्धिविनायक मंदिर में कट्टरपंथियों ने की तोड़फोड़, फेसबुक पर लाइव किया शर्मनाक कृत्य का वीडियो

पाकिस्तान (Pakistan) में एक बार फिर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से जुड़े धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को पंजाब सूबे के रहीम यार खान (Rahim Yar Khan) जिले के पास स्थित भोंग शहर (Bhong City) के सिद्धिविनायक मंदिर (Sidhi Vinayak Temple) में तोड़फोड़ की गई है.

पाकिस्तान में मंदिर पर हमला (Photo Credits: Twitter)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में एक बार फिर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से जुड़े धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को पंजाब सूबे के रहीम यार खान (Rahim Yar Khan) जिले के पास स्थित भोंग शहर (Bhong City) के सिद्धिविनायक मंदिर (Sidhi Vinayak Temple) में तोड़फोड़ की गई है. इतना ही नहीं इस शर्मनाक कृत्य का वीडियो भी कट्टरपंथियों ने फेसबुक पर लाइव किया. जिसके वायरल होने बाद इलाके में तनाव की स्थिती है और मौके पर भारी संख्यां में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. पाक सरकार मंदिर जलाने के मामले में 350 आरोपियों के खिलाफ मामले वापस लेगी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कट्टरपंथियों की भीड़ दिन के उजाले में भगवान गणेश (सिद्धिविनायक मंदिर) के मंदिर में पहुंची और तोड़फोड़ शुरू कर दिया. सूत्रों के अनुसार, दो दर्जन से अधिक लोगों की भीड़ ने मंदिर में तोड़फोड़ की और मूर्तियों और मंदिर के ढांचे को नुकसान पहुंचाया.

पाकिस्तान के हिंदू नेशनल असेंबली (Hindu National Assembly) के सदस्य रमेश कुमार वांकवानी (Ramesh Kumar Vankwani) ने बताया कि हिंदू मंदिर पर हमले के बाद से शहर में स्थिति तनावपूर्ण थी. उन्होंने इस घटना के लिए स्थानीय पुलिस की लापरवाही को भी जिम्मेदार बताया है. उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. उन्होंने इस घटना के दोषियों को फौरन गिरफ्तार करने की भी अपील की है.

बीते महीने ही इमरान सरकार ने साल 2020 में एक मंदिर जलाने के मामले में 350 आरोपियों के खिलाफ मामले वापस ले लिए थे. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने 13 जुलाई को एक बयान में कहा कि पिछले साल मंदिर जलाने के एक मामले में 350 आरोपियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले वापस लिए जाएंगे. साथ ही, उसने दावा किया कि इन आरोपियों को अल्पसंख्यक हिंदुओं ने माफ कर दिया है.

इस मामले को सुलझाने के लिए सरकार द्वारा गठित एक ‘जिरगा’ में हिंदू समुदाय के सदस्यों ने आरोपियों को माफ करने का फैसला किया. जिरगा एक पारंपरिक परिषद है, जिसमें समुदाय के सदस्यों द्वारा आम सहमति से फैसला लिया जाता है. हालांकि, हिंदू समुदाय के लोगों ने कहा कि सरकार के आवश्वासन के बावजूद वहां पुननिर्माण कार्य में अनावश्यक देर हो रही है. हमले में करीब 109 लोग संलिप्त थे, जबकि उस दौरान ड्यूटी पर मौजूद 92 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था.

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