वाशिंगटन: सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस में ओलंपिक के उद्घाटन समारोह को "बेहद शर्मनाक" करार दिया, जब इसके रचनाकारों को उनके प्रदर्शन के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. ट्रंप ने फॉक्स न्यूज़ को बताया, "मैं बहुत खुले विचारों वाला हूँ, लेकिन जो उन्होंने किया वह एक शर्मनाक काम था."
उनकी टिप्पणियां तब आईं जब कैथोलिक समूहों और फ्रांसीसी बिशपों ने एक दृश्य की निंदा की, जिसमें नर्तक, ड्रैग क्वीन और एक डीजे शामिल थे. यह दृश्य कुछ हद तक अंतिम रात्रिभोज (लास्ट सपर) की चित्रण का संकेत देता था, हालांकि रचनाकारों ने कहा कि इसका उद्देश्य धार्मिक सेटिंग को प्रदर्शित करना नहीं था.
यह दृश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईसाई समूहों और दक्षिणपंथी राजनेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर आलोचना का शिकार बना.
होस्ट लॉरा इंग्राहम द्वारा पूछे जाने पर कि यदि वह 2028 में लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए फिर से राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वह क्या करेंगे, ट्रंप ने जवाब दिया: "हम 'लास्ट सपर' को इस तरह से प्रदर्शित नहीं करेंगे जैसा उन्होंने कल रात किया."
उद्घाटन समारोह के निर्देशक थॉमस जॉली ने बाद में आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य इस प्रोडक्शन के माध्यम से "सुलह" और "मरम्मत" करना था.
क्या है पूरा मामला?
ईसा मसीह के सम्मान में लियोनार्डो द विंची ने द लास्ट सप्पर (आखिरी बार) के नाम से एक पेंटिंग बनाई थी. कहा जाता है कि लास्ट सप्पर में ईसा मसीह ने एक भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा था कि उनका एक अनुयायी उन्हें धोखा देगा. हुआ भी वैसा ही. उस पेंटिंग में एक शख्स है जुडस, जो बाद में ईसा मसीह को धोखा देता है. इस पेंटिंग को ईसाई धर्म से जुड़े लोग बेहद पवित्र मानते हैं.
दावा किया जा रहा है कि पेरिस ओलंपिक में इसी पेंटिंग का अपमान किया गया. LGBT एक्टिविस्ट और फ्रांसीसी डीजे बारबरा बुच पर एक प्ले में ईसा मसीह का अपमान करने का आरोप लगा. प्ले में 18 कलाकारों को एक लंबी मेज के पीछे दिखाया गया, ठीक उसी तरह जैसे लियोनार्डो दा विंची की पेंटिंग ‘लास्ट सपर’ में ईसा मसीह को दिखाया गया है. एक्ट के केंद्र में एक महिला थी जिसके सिर पर चांदी की बड़ी टोपी थी, जो ईसा मसीह के चित्रों में दर्शाए गए प्रभामंडल से मिलती जुलती थी.
इसके खिलाफ ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से प्रदर्शन किया जा रहा है. बड़ी बात ये है कि ईरान भी प्रदर्शन कर रहा है. उसने फ्रांस के राजदूत को तलब किया. ईरान का कहना है कि ईसा मसीह की बेइज्जती को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.