US, यूके, फ्रांस और इजराइल में आधी से ज्यादा आबादी का हो चूका है वैक्सीनेशन, फिर भी तेजी से पांव पसार रहा कोरोना
पूरे विश्व में कोरोना वायरस संक्रमण के 20.53 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आए हैं और इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 43.3 लाख हो गई है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार 4.57 अरब लोगों को वैक्सीनेशन हो चुका है.
नई दिल्ली: पूरे विश्व में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के 20.53 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आए हैं और इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 43.3 लाख हो गई है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार 4.57 अरब लोगों को वैक्सीनेशन हो चुका है. लेकिन इस बीच एक और चिंता तेजी उभर रही है और वह यह कि बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन के बावजूद कई देश कोविड-19 की अगली लहर के मुहाने पर पहुंच रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह घातक वायरस के नए-नए वेरियंट हो सकते है.
शुक्रवार की सुबह अपने नवीनतम अपडेट में, यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने बताया कि कोरोना के वर्तमान वैश्विक मामले, इस महामारी से हुई मौतें और टीकाकरण की संख्या क्रमश: 205,368,850, 4,334,088 और 4,570,571,196 है.
सीएसएसई के अनुसार, 30 लाख से अधिक मामलों वाले अन्य सबसे खराब देश ब्राजील (20,285,067), फ्रांस (6,469,753), रूस (6,447,229), यूके (6,208,908), तुर्की (6,018,455), अर्जेंटीना (5,066,253), कोलंबिया (4,856,595), स्पेन (4,677,883), इटली (4,420,429), ईरान (4,320,266), जर्मनी (3,814,335), इंडोनेशिया (3,774,155) और मैक्सिको (3,020,596) है. जबकि, मौतों के मामले में ब्राजील 566,896 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है. भारत (429,669), मैक्सिको (246,203), पेरू (197,146), रूस (165,201), यूके (131,016), इटली (128,334), कोलंबिया (123,097), इंडोनेशिया (113,664), फ्रांस (112,700) और अर्जेंटीना (108,569) 100,000 से अधिक लोगों की मृत्यु वाले राष्ट्र हैं.
अमेरिका
अमेरिका में एक बार फिर कोविड-19 के मामले खतरनाक दर से बढ़ रहे हैं. 10 अगस्त को देश में 184,346 नए पुष्ट मामले सामने आए. रिपोर्ट्स के अनुसार, केवल पिछले सप्ताह अमेरिका में लगभग 94,000 बच्चों में वायरस का पता चला है और यह बढ़ोतरी जारी है. अमेरिका की लोक स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगले चार हफ्तों में देश में कोविड-19 के मरीजों के अस्पतालों में भर्ती होने और उनकी मौतें होने की संख्या में खासी वृद्धि हो सकती है. साथ ही, देश के बड़े हिस्से में सामने आ रहे नये मामले कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप के हैं.
यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बुधवार को जारी अपने अनुमान में कहा कि छह सितंबर को 9,600 से 33,300 नए कोविड मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा सकता है, वहीं चार सितंबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में 3,300 से 12,600 लोगों की मौत हो सकती है.
बुधवार को जारी अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुल अमेरिकी आबादी का 50.3 प्रतिशत यानी 16.6 करोड़ लोगों का पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका है. सीडीसी निदेशक ने कहा "जैसा कि हम अब तक कह रहे हैं, सबसे अधिक ऐसे लोगों को जोखिम हैं जिन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया है." अमेरिका में कोविड-19 का पहला मामला 21 जनवरी, 2020 को सामने आया था.
इजरायल
व्यापक कोविड-19 टीकाकरण अभियान छेड़ने वाले इजराइल में भी कोरोना से बुरा हाल है. संक्रमण के मामलों के बढ़ने से सरकार की चिंता बढ़ गई है. देश में एक बार फिर पाबंदियों का दौर लौट रहा है. सार्वजानिक स्थानों पर मास्क फिर अनिवार्य किया जा रहा है. कई स्थानों पर लोगों को टीकाकरण का प्रमाण, नेगेटिव कोविड रिपोर्ट या वायरस से ठीक होने के प्रमाण मांगे जा रहे है. अधिकांश देशों से लौटने वाले सभी लोगों को कम से कम एक सप्ताह के लिए आइसोलेशन में रखा जा रहा है. अब देश कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से जूझ रहा है जो इसके पहले के स्वरूप की तुलना में दोगुना संक्रामक है.
स्वास्थ्य अधिकारी चेतावनी दे रहे हैं कि यदि देश अपने 80% वयस्क टीकाकरण दर में सुधार नहीं करता है और अधिक बूस्टर शॉट्स प्रदान नहीं करता है तो इजराइल सितंबर में यहूदी छुट्टियों के मौसम में चौथे लॉकडाउन का सामना कर सकता है. इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, स्वास्थ्य रखरखाव संगठनों को अगले सप्ताह 60 से कम आयु के कुछ समूहों के लिए तीसरा कोरोनावायरस वैक्सीन बूस्टर देने की तैयारी करने का निर्देश दिया है.
इजरायल कम उम्र वालों को बूस्टर शॉट देने पर विचार कर रहा है. 1 अगस्त को, इजराइल ने 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को फाइजर के कोरोना वायरस वैक्सीन की तीसरी बूस्टर खुराक देने के लिए एक अभियान शुरू किया. यह शॉट 60 वर्षीय लोगों को दिया जा रहा है, जिन्होंने कम से कम पांच महीने पहले दूसरा शॉट प्राप्त किया था. रोल आउट शुरू हो गया, हालांकि अमेरिका और यूरोपीय संघ में स्वास्थ्य नियामक अधिकारियों ने अभी तक तीसरी बूस्टर खुराक को मंजूरी नहीं दी है. देश की 90 लाख आबादी में से लगभग 58 प्रतिशत को दोगुना-टीका लगाया गया है, जिनमें से अधिकांश फाइजर वैक्सीन के साथ हैं.
फ्रांस
फ्रांस में भी कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे है. फ्रांसीसी स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को करीब 31 नए संक्रमित मिले है, जो 28 अप्रैल के बाद पहली बार 30 हजार से अधिक है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फ्रांस ने बुधवार तक कोविड-19 टीकों की 4.5 करोड़ पहली खुराक दी है, जो इसकी कुल आबादी का 67.2 प्रतिशत है, जबकि देश की 6.7 करोड़ की आधी से अधिक आबादी ने दोनों खुराक प्राप्त की हैं.
महामारी की स्थिति पर एक वर्चुअली रक्षा परिषद के बाद, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने भी सितंबर से बुजुर्गों और सबसे कमजोर लोगों को बूस्टर खुराक देने का फैसला किया है. जबकि डेल्टा वैरिएंट के प्रसार को रोकने के अन्य उपायों में शॉपिंग सेंटरों में अनिवार्य 'स्वास्थ्य पास' शामिल किया है. इस बीच, फ्रांस के विदेशी क्षेत्रों में स्थिति गंभीर है.
ब्रिटेन
ब्रिटेन में गुरुवार को 24 घंटे की अवधि में कोरोना वायरस के 33,074 नए मामले सामने आए हैं और 94 लोगों की मौत हो गई. जबकि बुधवार को कोरोना के 29,612 नए मामले सामने आये और 104 संक्रमितों की मौत हुई. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इन आंकड़ों में केवल उन लोगों की मौत शामिल है, जिनकी मृत्यु उनके पहले पॉजिटिव परीक्षण के 28 दिनों के भीतर हुई थी. अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में लगभग 90 प्रतिशत वयस्कों को टीके की पहली खुराक मिली है, जबकि लगभग 75 प्रतिशत ने अपनी दूसरी खुराक ली है.
डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ फाइजर 42 और मॉर्डना 76% प्रभावी
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और मॉडर्ना द्वारा विकसित कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले उतने प्रभावी नहीं हैं, जितनी कि वे वायरस के मूल स्ट्रेन के खिलाफ हैं. हाल ही में आये एक नए अध्ययन से यह पता चला है. डेली मेल ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिका के मिनेसोटा में मेयो क्लिनिक के शोधकतार्ओं ने पाया कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन जुलाई में संक्रमण के खिलाफ केवल 42 प्रतिशत प्रभावी पाई गई, जबकि मॉडर्ना वैक्सीन केवल 76 प्रतिशत प्रभावी रही.
जैसा कि दावा किया गया है, जनवरी से जून तक टीके लगभग 90 प्रतिशत प्रभावी रहे, लेकिन जून में इसमें गिरावट शुरू हुई और जुलाई में बड़े पैमाने पर गिरावट देखी गई, क्योंकि तब तक इस वैरिएंट ने अमेरिका में पकड़ बना ली थी. पिछले महीने, फाइजर ने डेटा प्रकाशित किया था, जिसमें दिखाया गया था कि इसके टीके की प्रभावकारिता छह महीने के बाद 86 प्रतिशत तक गिर जाती है. लेकिन बूस्टर शॉट्स, जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है, जो कि वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और अधिक प्रतिरोधी वेरिएंट से बचाने में मदद कर सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि जीवन को सामान्य स्थिति में लाने के लिए भारत समेत ब्रिटेन, चीन, रूस, अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय संघ कोरोनो वायरस के टीके लगाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं. दुनियाभर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के कारण संक्रमण और मृत्यु में वृद्धि देखी जा रही है. आने वाले हफ्तों में इसके और बढ़ने का अनुमान है. हालांकि, टीके अभी भी अस्पताल में भर्ती होने और वायरस से गंभीर मामलों को रोकने में प्रभावी हैं और अस्पताल में भर्ती होने की दर को काफी हद तक कम करते है. (एजेंसी इनपुट के साथ)