US Retaliation: ड्रोन अटैक का बदला! ईरान समर्थित आतंकियों पर भीषण हमला करेगा अमेरिका, हफ्तों तक चलेगा अभियान

जॉर्डन में हुए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की शहादत के बाद अमेरिका ने ईरान समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

Jordan Drone Attack: हाल ही में जॉर्डन में हुए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की शहादत और 25 लोगों के घायल होने के बाद अमेरिका ने ईरान समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह जवाबी कार्रवाई एक 'अभियान' का रूप ले सकती है, जो हफ़्तों तक चल सकता है.

अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य ईरान समर्थित आतंकवादी गुटों को क्षति पहुँचाना और भविष्य के हमलों को रोकना है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान हवाई हमलों और गुप्त कार्रवाइयों के ज़रिए चलाया जा सकता है. साथ ही, अमेरिका अपने क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ भी रणनीति बना सकता है.

अमेरिकी सैनिको पर ड्रोन हमले की ज़िम्मेदारी ‘इस्लामिक रज़िस्टेंस इन इराक़’ ने ली है. ये एक ऐसा समूह है, जिसमें इराक़ में सक्रिय ईरान समर्थित कई मिलीशिया शामिल हैं. ये समूह साल 2023 के आखिर में सामने आया. हाल के हफ़्ते के दौरान इस समूह ने अमेरिकी सेना पर हुए कई अन्य हमलों की भी ज़िम्मेदारी ली है. इस समूह ने एक बयान जारी करके कहा है कि उसने सीरिया में तीन अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाया है. इसने इनके नाम शद्दादी, तनफ़ और रुकबान बताए हैं. हालांकि, रुकबान जॉर्डन में है जिसकी सीमा सीरिया से लगती है.

इराक़ की सरकार ने हमले की निंदा की है. इराक़ की सरकार ने मध्य पूर्व में ‘हिंसा के चक्र को ख़त्म करने’ की अपील की है. इराक़ी सरकार के प्रवक्ता बज़ीम अल अवादी ने कहा कि वो ‘इलाक़े में इसके नतीजे को रोकने के लिए मूलभूत नियम बनाने और संघर्ष को तेज़ होने से रोकने के लिए साझेदारी को तैयार हैं.’

वहीं चिंता जताई जा रही है कि अमेरिकी कार्रवाई से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है और ईरान के साथ टकराव का ख़तरा बढ़ सकता है. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका को किसी भी कार्रवाई से पहले सावधानी से विचार करना चाहिए, ताकि अनहोनी परिणामों से बचा जा सके.

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