US Presidential Election 2024: कैसे होता है अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव? भारत से कितनी अलग है US की चुनावी प्रकिया, जानें पूरी डिटेल

अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव कब होता है: अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हर चार साल में नवंबर के पहले मंगलवार को होता है. अगला चुनाव 2024 में होगा, जो कि 5 नवंबर को है. अमेरिका में जारी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुकाबला है.

अमेरिकी में कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव

  1. प्राथमिक चुनाव (Primaries): चुनाव से पहले, विभिन्न राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों का चयन करने के लिए प्राथमिक चुनाव आयोजित करते हैं. इसमें पार्टी के सदस्य वोट देते हैं कि कौन उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए उनका प्रतिनिधित्व करेगा.
  2. नैशनल कन्वेंशन (National Convention): प्राथमिक चुनावों के बाद, हर पार्टी का एक राष्ट्रीय सम्मेलन होता है, जहां पार्टी अपने राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा करती है.
  3. आम चुनाव (General Election): नवंबर में, सभी नागरिक वोट डालते हैं। हालांकि, सीधे राष्ट्रपति को वोट नहीं दिया जाता, बल्कि चुनावी प्रतिनिधियों (Electoral College) को वोट दिया जाता है.
  4. चुनावी प्रतिनिधि (Electoral College): अमेरिका में कुल 538 चुनावी प्रतिनिधि होते हैं। हर राज्य को जनसंख्या के अनुसार चुनावी प्रतिनिधि मिलते हैं. एक उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए कम से कम 270 प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करना होता है.
  5. नतीजों की घोषणा: चुनाव के बाद, चुनावी प्रतिनिधि अपने वोटों को जमा करते हैं, और फिर जनवरी में नए राष्ट्रपति का उद्घाटन होता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे कैसे घोषित होते हैं?

  • अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित होने की प्रक्रिया काफी जटिल है और इसमें कई चरण शामिल होते हैं.
  • अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हर चार साल में नवंबर के पहले मंगलवार को होते हैं। मतदाता इस दिन अपने मत डालते हैं.
  • मतदान के बाद, हर राज्य में मतों की गिनती की जाती है/ मतगणना की प्रक्रिया राज्य के कानूनों के अनुसार होती है, और कुछ राज्यों में मतगणना तुरंत शुरू हो जाती है, जबकि अन्य में इसे कुछ घंटों बाद शुरू किया जा सकता है.
  • जैसे-जैसे मतगणना होती है, मीडिया और चुनाव अधिकारियों द्वारा प्रारंभिक परिणामों की घोषणा की जाती है. ये परिणाम आमतौर पर रात में ही आने लगते हैं, लेकिन अंतिम परिणाम आने में कुछ दिन लग सकते हैं.
  • अमेरिका में राष्ट्रपति को चुनने के लिए इलेक्टोरल कॉलेज का उपयोग किया जाता है. प्रत्येक राज्य को उसके जनसंख्या के अनुसार इलेक्टोरल वोट मिलते हैं. राष्ट्रपति बनने के लिए, किसी उम्मीदवार को कम से कम 270 इलेक्टोरल वोट की आवश्यकता होती है.
  • प्रत्येक राज्य के चुनाव अधिकारी चुनाव परिणामों को प्रमाणित करते हैं. इसके बाद, प्रत्येक राज्य की इलेक्टोरल कॉलेज के प्रतिनिधियों की सूची तैयार की जाती है.
  • दिसंबर के दूसरे मंगलवार को, इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य अपने राज्यों में इकट्ठा होते हैं और राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के लिए वोट डालते हैं. यह मतदान केवल औपचारिकता होती है क्योंकि अधिकांश प्रतिनिधि अपने पार्टी के उम्मीदवार को वोट देते हैं.
  • जनवरी की पहली बैठक में, संयुक्त कांग्रेस (हाउस और सीनेट) इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती करती है और परिणाम की आधिकारिक घोषणा करती है.
  • यदि सभी प्रक्रिया सही होती है और कोई विवाद नहीं होता, तो नतीजों की आधिकारिक पुष्टि के बाद, नया राष्ट्रपति 20 जनवरी को उद्घाटन समारोह में शपथ लेते हैं.

भारत से कितना अलग है अमेरिका का चुनाव

  1. चुनाव प्रणाली: अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं होता, जबकि भारत में आम जनता सीधे अपने सांसदों को चुनती है, जो फिर प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं.
  2. चुनाव का समय: भारत में लोकसभा चुनाव हर पांच साल में होते हैं, जबकि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हर चार साल में होते हैं.
  3. चुनाव के लिए प्रणाली: भारत में चुनाव के लिए एक चुनाव आयोग होता है जो चुनावों का संचालन करता है, जबकि अमेरिका में हर राज्य का अपना चुनाव प्रबंधन होता है.
  4. पार्टी सिस्टम: अमेरिका में दो प्रमुख पार्टियां (डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स) हैं, जबकि भारत में कई राजनीतिक पार्टियां हैं.
  5. चुनावी प्रतिनिधि: अमेरिका में चुनावी प्रतिनिधियों का सिस्टम है, जबकि भारत में सीधे जनादेश के आधार पर चुनाव होते हैं.

इस तरह, अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव एक जटिल प्रक्रिया है, जो भारतीय चुनाव प्रणाली से काफी अलग है. दोनों देशों की चुनावी प्रक्रिया अपने-अपने तरीके से नागरिकों की भागीदारी और लोकतंत्र को दर्शाती है.