संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान रूहानी से मुलाकात के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कर सकते हैं ईरान पर प्रतिबंधों में कटौती
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने ईरानी समकक्ष के साथ इस महीने बैठक का रास्ता साफ करने के लिए ईरान पर लगे प्रतिबंधों को कम करने की योजना संबंधित अफवाहों के बीच उन्होंने आगामी सप्ताहों में ईरान को प्रतिबंधों में राहत देने की बात से इंकार भी नहीं किया है. ट्रंप ने कहा कि ईरान भारी वित्तीय परेशानियों का सामना कर रहा है.
वॉशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के अपने ईरानी समकक्ष के साथ इस महीने बैठक का रास्ता साफ करने के लिए ईरान पर लगे प्रतिबंधों को कम करने की योजना संबंधित अफवाहों के बीच उन्होंने आगामी सप्ताहों में ईरान को प्रतिबंधों में राहत देने की बात से इंकार भी नहीं किया है.
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, बुधवार को ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से बात करने के दौरान तेहरान पर लगे प्रतिबंधों में राहत देने के सवाल पर ट्रंप ने कहा, "देखते हैं, क्या होता है." ट्रंप ने एक प्रेस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी. रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सितंबर के अंत में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान रूहानी को मुलाकात के लिए राजी करने के लिए सोमवार को प्रतिबंध कम करने के विषय पर चर्चा की थी.
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प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्व मंत्री स्टीवन मनुचिन ने कथित रूप से इस विचार का समर्थन किया लेकिन पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन स्पष्ट रूप से इसके खिलाफ थे. ट्रंप द्वारा बोल्टन से उसी शाम इस्तीफा मांगने के पीछे यह कारण हो सकता है.
ट्रंप ने उन विवरणों की पुष्टि नहीं की और न्यूयॉर्क में रूहानी से मुलाकात के लिए अपनी अति उत्सुकता छिपाई, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें लगता है कि ईरान द्विपक्षीय संबंध सुधारने के लिए वॉशिंगटन से समझौता करना चाहता है और इसलिए अमेरिका ईरान में शासन परिवर्तन नहीं चाहता.
ट्रंप ने कहा कि ईरान भारी वित्तीय परेशानियों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि अगर वे अमेरिका से समझौता कर लें तो उनके समृद्ध होने की बहुत संभावना है.
हालांकि संयुक्त राष्ट्र में ईरान के प्रतिनिधि माजिद तख्त-रवांची ने कहा कि ईरान रूहानी और ट्रंप की मुलाकात का विरोध करता रहेगा. उन्होंने कहा कि जब तक अमेरिकी सरकार का आर्थिक आतंकवाद जारी रहेगा और ईरानी लोगों पर ऐसे कड़े प्रतिबंध लगे रहेंगे, तब तक वार्ता की कोई संभावना नहीं है.