
यूक्रेन में शांति को लेकर सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत होनी है. उम्मीद की जा रही है कि इससे यूक्रेन में शांति स्थापना की दिशा में तरक्की हो सकती है.अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में शांति को लेकर सोमवार को बात करेंगे. अमेरिका की ओर से यह कदम यूरोप की ओर से यूक्रेन में शांति को लेकर बनाए जा रहे दबाव के बाद उठाया गया है. यूरोप के नेताओं ने मांग की थी कि रूस को तुरंत सीजफायर की मांग मान लेनी चाहिए और यूरोप में दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के सबसे खतरनाक संघर्ष को रोक देना चाहिए.
रविवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर ने अमेरिका, इटली, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं से यूक्रेन के मुद्दे पर बात की. राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने रविवार को हुई इस बातचीत के बाद एक्स पर लिखा, "कल, राष्ट्रपति पुतिन को, राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से प्रस्तावित, साथ ही यूक्रेन और यूरोप के समर्थन वाले, 30 दिनों के बिना किसी शर्त वाले सीजफायर को स्वीकार कर यह जरूर दिखाना चाहिए कि वो शांति चाहते हैं."
अब तक नाकाम रहीं शांति की कोशिशें
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट ट्रूथ सोशल पर लिखा, "इस बातचीत का विषय खून-खराबा, जो हत्याएं जारी हैं, करीब एक हफ्ते में 5 हजार से ज्यादा रूसी और यूक्रेनी सैनिकों की उसे रोकना. उम्मीद है कि यह एक उत्पादक दिन रहेगा. सीजफायर होगा. और यह बेहद हिंसक युद्ध, एक युद्ध जो कभी नहीं होना चाहिए था."
संघर्ष खत्म करने के लिए डॉनल्ड ट्रंप की ओर से डाले जा रहे दबाव के बीच पिछले हफ्ते यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधियों की मुलाकात तुर्की में हुई थी. युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों की इस्तांबुल में हुई पहली सीधी मुलाकात से कोई हल नहीं निकला. जबकि इस मुलाकात का सुझाव रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से ही दिया गया था.
पुतिन से बात करेंगे ट्रंप
पहले ही डॉनल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि शांति को लेकर प्रगति तभी हो सकती है, जब पुतिन साथ आएं. उन्होंने पुतिन से बात करने के लिए अमेरिका के हिसाब से सवेरे 10 बजे का समय तय किया है. रूस की ओर से भी कहा गया है कि बातचीत के लिए तैयारियां जारी हैं. डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने साफ किया है कि अगर रूस शांति की बातचीत को गंभीरता से नहीं लेता तो उसके ऊपर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. ट्रंप की ओर से यह भी कहा गया है कि वो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और नाटो के अन्य सदस्यों से भी बात करेंगे.
रूस की सेना ने पहले ही यूक्रेन के पांचवें हिस्से पर कब्जा कर रखा है और अब भी आगे बढ़ रही है. पुतिन युद्ध को खत्म करने को लेकर अपनी शर्तों पर अब भी जिद्दी बने हुए हैं. जबकि ट्रंप की ओर से उनपर दबाव बढ़ रहा है और कई यूरोपीय देश भी पुतिन को लगातार धमकी देते रहे हैं.
यूक्रेन को बड़े मिसाइल हमले का डर
रविवार को रूस ने युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया. यूक्रेन की खुफिया सेवाओं के मुताबिक रूस इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें यूक्रेन पर दागने की मंशा भी रखता है. हालांकि इसपर रूस की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया है.
यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत फरवरी, 2022 में हुई थी जब पुतिन के रूस के हजारों सैनिकों को यूक्रेन में घुसपैठ करने का आदेश दिया था. ट्रंप जो कई बार कह चुके हैं कि उनकी मंशा है कि उन्हें एक शांति स्थापित करने वाले नेता के तौर पर याद रखा जाए, कई बार यूक्रेन में जारी खून-खराबे को रोकने की मांग कर चुके हैं. उनका प्रशासन इसे अमेरिका और रूस के बीच एक छद्म युद्ध भी बता चुका है. जून 2024 में पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन को अपनी नाटो की सदस्यता की मंशा को छोड़ देना चाहिए और अपने सैनिकों को उन चार यूक्रेनी इलाकों से पूरी तरह निकाल लेना चाहिए, जिन पर रूस दावा करता है.
दोनों पक्षों के बीच बहुत से मतभेद
पुतिन सीजफायर को लेकर सतर्क हैं और कह रहे हैं कि लड़ाई तब तक नहीं रोकी जा सकती, जब तक बहुत सारी अहम शर्तों पर काम पूरा नहीं हो जाता या स्पष्टता नहीं हो जाती. इस तर्क को लेकर यूरोपीय नेता कहते आ रहे हैं कि पुतिन शांति को लेकर गंभीर नहीं हैं. उन्हें डॉनल्ड ट्रंप की ओर से यह डर भी सता रहा है कि वो यूक्रेन के लिए एक खराब शांति समझौते की दिशा में भी बढ़ सकते हैं, जहां यूक्रेन के पांचवें हिस्से को रूसी कब्जे में छोड़ दिया जाए. इससे रूस की ओर से भविष्य के संभावित हमलों के खिलाफ मजबूत सुरक्षा गारंटी नहीं मिल सकेगी.
वहीं पुतिन इस युद्ध को एक पश्चिम के साथ एक ऐतिहासिक मौके के तौर पर देखते हैं. उनका कहना है कि पश्चिम ने 1991 में सोवियत यूनियन के पतन के बाद रूस को अपमानित किया है. पश्चिम के देशों ने ऐसा नाटो का विस्तार कर और पुतिन के मुताबिक नाटो के प्रभाव के दायरे में घुसपैठ करके किया है. पुतिन के मुताबिक यूक्रेन भी प्रभाव के इस दायरे का हिस्सा है.