25 अरब डॉलर से 'गोल्डन डोम' बनाएगा अमेरिका, मिसाइल हमलों से पूरी सुरक्षा करेगा ये डिफेंस सिस्टम

Golden Dome Missile Defense System: अमेरिका एक नई और ताकतवर सुरक्षा प्रणाली पर काम कर रहा है, जिसका नाम है 'गोल्डन डोम'. यह सिस्टम अमेरिका को दुश्मनों के मिसाइल हमलों से बचाने में मदद करेगा. खास बात ये है कि ये तकनीक न सिर्फ बैलिस्टिक मिसाइल बल्कि क्रूज मिसाइलों को भी रोक सकेगी.

ट्रंप ने दी जानकारी

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ऐलान किया कि इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए डिज़ाइन फाइनल कर लिया गया है. ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अगर वो फिर से राष्ट्रपति बने तो अपने कार्यकाल के अंत तक इस सिस्टम को शुरू कर देंगे.

जनवरी में किया था वादा 

जनवरी में व्हाइट हाउस लौटने के कुछ ही दिनों बाद ट्रंप ने 'गोल्डन डोम' को लेकर अपनी योजना सामने रखी थी. उनका कहना था कि अमेरिका को अब पहले से ज्यादा मजबूत और सुरक्षित बनाने का समय आ गया है.

कितना खर्च होगा? 

इस सिस्टम के लिए 25 अरब डॉलर यानी करीब 2 लाख करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है. हालांकि जानकारों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इस पर खर्च और भी ज्यादा बढ़ सकता है.

क्यों जरूरी है ये सिस्टम? 

अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मौजूदा मिसाइल डिफेंस सिस्टम अब नए और एडवांस दुश्मनों के हथियारों से निपटने में पूरी तरह सक्षम नहीं है. ऐसे में 'गोल्डन डोम' की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ गई है.

इसराइल से मिली प्रेरणा

'गोल्डन डोम' आंशिक रूप से इसराइल के मशहूर 'आयरन डोम' से प्रेरित है. इसराइल इस सिस्टम का इस्तेमाल 2011 से कर रहा है और यह दुश्मनों के रॉकेट और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर देता है.

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो अमेरिका जल्द ही दुनिया की सबसे आधुनिक मिसाइल सुरक्षा प्रणाली का मालिक बन जाएगा. ट्रंप का कहना है कि 'गोल्डन डोम' अमेरिका की सुरक्षा को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा.