Most Dangerous Places: दुनिया की 10 सबसे खतरनाक जगहें, जहां लोग जाने से पहले 100 बार सोचते हैं, देखें खौफनाक
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Most Dangerous Places in the World: दुनिया में कुछ टूरिस्ट प्लेस ऐसे भी हैं जहां जाना खतरनाक हो सकता है. इन जगह पर कमजोर दिल वाले लोगों को जाने से बचना चाहिए. आईए आपको बताते हैं 10 ऐसी ही खौफनाक जगहें, जहां लोग जाने से पहले 100 बार सोचते हैं.

हवाई द्वीपसमूह में जिंदा ज्वालामुखी, यूएसए (Volcano Tours in Hawaii, USA)

हवाई द्वीपसमूह दुनिया के सबसे खतरनाक टूरिस्ट प्लेसेस में से एक है. अमेरिका के प्रशान्त महासागर के मध्य में स्थित एक प्रांत है. दुनिया में यह एक मात्र ऐसी जगह है जहां सक्रिय ज्वालामुखी को इतनी करीब से देख सकते हैं. यहां के टूरिस्ट लावा की बहने वाली नदियां भी देख सकते हैं. यहां पर लावा धुंध के कारण पूरा एरिया काला दिखाई देता है. इस माहौल को देखकर कोई भी डर सकता है. ये भी पढ़ें- Brain Eating Amoeba: शख्स का 'दिमाग खा गया कीड़ा', पानी के जरिए नाक से घुसा था अंदर, युवक की मौत

डेथ वैली नेशनल पार्क, यूएसए (Death Valley National Park, USA)

डेथ वैली को दुनिया की सबसे शानदार घाटियों के लिए जाना जाता है. यह नेवादा और कैलिफोर्निया के बीच स्थित है. इस घाटी में धरती का सबसे अधिक तापमान यानी 56.7 डिग्री सेल्सियस (134 °F) दर्ज किया गया है. डेथ वैली दुनिया की सबसे शुष्क जगह में से एक है. चौड़ी पहाड़ियां, गड्डे, मछलियों की दुर्लभ प्रजातियां, अंधेरी रात के आसमान की अजीबो-गरीब घटनाएं अभी तक यहां रहस्य बनी हुई हैं.

स्नेक आइलैंड, ब्राजील (Snake Island, Brazil)

ब्राजील स्थित स्नेक आइलैंड दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक है. इस द्वीप में दुनिया भर के सबसे अधिक प्रजाति के सांप पाए जाते हैं. स्नेक आइलैंड या ​​इल्हा दा क्यूइमाडा ग्रांडे में प्रति वर्ग मीटर लगभग पांच सांप हैं. यहां मौजूद सांप इतने जहरीले होते हैं कि इंसानों के मांस को पिघला सकते हैं. यह द्वीप दुनिया की एकमात्र जगह है जहां गोल्डन लांसहेड वाइपर सांप और दुनिया का सबसे जहरीला सांप बोथ्रोप्स पाया जाता है. पर्यटकों के लिए जोखिम और लांसहेड जहर की तस्करी के चलते ब्राजील सरकार ने इस द्वीप पर जाने पर रोक लगा दी है.

ओम्याकोन, रूस (Oymyakon, Siberia)

दुनिया के सबसे ठंडे शहर का नाम ओम्याकोन है, जो कि रूस के पूर्वी साइबेरिया में स्थित है. यहां का तापमान हमेशा काफी ठंडा रहता है. 1924 में इसका सबसे कम तापमान दर्ज किया गया था जो माइनस 71.2 डिग्री सेल्सियस (माइनस 96.16 पैरनहाइट) था. इतना कम तापमान दुनियाभर में कहीं भी दर्ज नहीं किया गया.

स्किलिग माइकल माउंटेन, आयरलैंड (Skellig Michael Mountain, Ireland)

आयरलैंड के वेस्टर्न कोस्ट में स्थित यह पर्वत श्रृंखला दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक है. यहां जाना बेहद चुनौतीपूर्ण है, पर्यटकों को उबड़-खाबड़ रास्ते और पानी के रास्ते जाना पड़ता है. सरकार ने चट्टान गिरने, खराब मौसम के कारण यहां जाने पर रोक लगा दी है. हर साल केवल 4 नावों को ही लाइसेंस दिए जाते हैं और सीमित संख्या में पर्यटक यहां जाते हैं.

डानाकिल डेजर्ट, इथोपिया (Danakil Desert, Ethiopia)

डानाकिल डेजर्ट को दुनिया की सबसे गर्म जगह माना जाता है. देखने में यह ऐसा लगता है मानो किसी दूसरे ग्रह पर आ गए हैं. इस जगह पर सल्फर के पहाड़ और नदियां हैं. यहां की चट्टानें और मिट्टी भी पीले रंग की हैं. यहां नमक के पानी की प्राकृतिक नदियां बहती हैं.

नैट्रॉन झील, तंजानिया (Lake Natron, Tanzania)

उत्तरी तंजानिया में नमक की झील सबसे अधिक कास्टिक क्षेत्रों (Caustic areas) में से एक है. नैट्रॉन झील का पानी कांच की तरह लगता है. अगर कोई पक्षी भी इस पर बैठता है तो उसका शरीर पलभर में जल कर राख हो जाता है. यहां जाते समय सावधानी बरतने की जरूरत है.

स्केलेटन कोस्ट, नामीबिया (Skeleton Coast, Namibia)

स्केलेटन कोस्ट यानी कंकाल वाली जगह बेहद भयानक नगर आती है. दक्षिणी अफ्रीका के नामीबिया में 500 किलोमीटर तक फैले हुए इस एरिए में काफी बड़ी तादाद में हड्डियां मिली हैं.

माउंट वाशिंगटन, यूएसए (Mount Washington, USA)

अमेरिका के माउंट वॉशिंगटन में धरती की सबसे तेजी से हवा चलती हैं. यहां पर 203 मील प्रति घंटे की गति से हवा चलने का विश्व रिकॉर्ड है. यहां का तापमान भी शून्य से 40 डिग्री तक नीचे रहता है. यहां की तेज हवा में इंसान ठीक से खड़ा भी नहीं रह सकता.

नॉर्थ सेंटिनल द्वीप, अंडमान (North Sentinel Island, Andaman)

नॉर्थ सेंटिनल द्वीप काफी रहस्यों से भरा है. भारत का ये वो इलाका है, जिसका 60 हजार सालों से सभ्यता से पाला नहीं पड़ा है. यहां न कोई जा सकता है, न इन लोगों से मिल सकता है. यहां के लोग काफी खतरनाक होते हैं, अगर कोई इंसान उन्हें दिखता है तो वे उसे तुरंत मार देते हैं. आधुनिक मनुष्य का पैर इस आइलैंड पर पड़ा साल 1867 में. तब भी एक मालवाहक जहाज द्वीप के किनारे क्रैश कर गया था. शिप से 86 लोग द्वीप पर उतरे, हालांकि हमला होने के बाद सबको भागना पड़ा.

1970 तक ये इलाका सरकारी पहुंच से बाहर रहा. फिर 1970 में सरकार ने तय किया कि कम से कम निशानदेही जरूरी है. इसलिए 1970 में सर्वे के लिए आई एक पार्टी ने द्वीप पर एक पत्थर लगाया, जिसमें लिखा था कि ये द्वीप भारत का हिस्सा है.