टाइटेनियम के घुटने बदल सकते हैं युवा खिलाड़ियों की जिंदगी
बहुत से खिलाड़ियों का करियर घुटनों की चोट के कारण खत्म हो जाता है.
बहुत से खिलाड़ियों का करियर घुटनों की चोट के कारण खत्म हो जाता है. अब एक नई तकनीक ने ऐसे खिलाड़ियों को नई उम्मीद दी है.स्कीअर लिंजी वॉन छह साल पहले वर्ल्ड कप सर्किट पर आखिरी बार रेस में शामिल हुई थीं. उस रेस के बाद उन्होंने घुटने के दर्द के कारण आंसुओं के बीच अपने करियर को अलविदा कह दिया था. लेकिन अब, 40 साल की उम्र में वह टाइटेनियम घुटने के साथ वापसी कर रही हैं.
उस समय, दर्द और सूजन वॉन की दिनचर्या का हिस्सा बन गए थे. लेकिन अब न तो दर्द है, न सूजन और न ही आंसू. वॉन ने कहा, "मेरे करियर के आखिरी कुछ साल अब की तुलना में बहुत अलग थे. मैं अब बिना अपने घुटने के बारे में सोचे स्की कर रही हूं, जो मैंने 2013 में एसीएल में लगी चोट के बाद कभी नहीं किया. इतने लंबे समय के बाद, मैं इतना अच्छा महसूस कर रही हूं. मैं भले ही उम्र में बड़ी हो गई हूं, लेकिन पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हूं."
नई शुरुआत का रास्ता
वॉन का यह आत्मविश्वास उनकी घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी से आया है, जो वर्ल्ड कप स्कीइंग इतिहास में पहली बार किसी एथलीट पर की गई है. यह सर्जरी उनके लिए खेल में नई शुरुआत का दरवाजा खोलती है.
अप्रैल में, वॉन ने साउथ फ्लोरिडा के प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिस्ट मार्टिन रोश से रोबोट-एसिस्टेड घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाई. इस प्रक्रिया में उनके दाएं घुटने की खराब हड्डी का एक हिस्सा हटाकर दो टाइटेनियम टुकड़ों से बदल दिया गया. एक महीने बाद, उन्होंने वापसी की योजना बनानी शुरू कर दी.
वॉन ने बताया, "यह मेरे खराब कार्टिलेज से बहुत बेहतर है. मैंने कई स्कीअर्स से इस प्रक्रिया के बारे में बात की है. मुझे लगता है कि यह एक ऐसा विकल्प है, जिस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए. हर किसी का सर्जरी के बाद का अनुभव अलग हो सकता है, लेकिन मेरे लिए यह अद्भुत रहा है. जो खिलाड़ी घुटने की समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह एक उपयोगी समाधान हो सकता है."
युवाओं में नई उम्मीद
इटली के विंटर स्पोर्ट्स फेडरेशन की प्रमुख डॉक्टर एंड्रिया पांजरी एक ऑर्थोपेडिस्ट हैं. वह कहती हैं कि घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों के लिए होती है और इस सर्जरी के फायदों पर भी संदेह उठाया जाता रहा है.
उन्होंने कहा, "यह वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार है कि इतनी कम उम्र के किसी खिलाड़ी ने यह सर्जरी करवाई है और मैं किसी अन्य खेल में भी एलीट स्तर के एथलीट के इस प्रक्रिया से गुजरने के बारे में नहीं जानती."
पांजरी ने माना कि वॉन का फैसला खेलों को पूरी तरह बदलने की संभावना नहीं रखता लेकिन यह सामान्य लोगों को घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी को लेकर अधिक प्रेरित कर सकता है. उन्होंने कहा, "इस तरह के प्रोस्थेटिक, खासकर आधे घुटने वाले विकल्प, प्रदर्शन के लिए सबसे बेहतर माने जाते हैं. वॉन ने यह साबित कर दिया है."
वॉन के कोच, क्रिस नाइट ने उनके फिटनेस लेवल की तारीफ करते हुए कहा कि यह उनकी सफलता का एक बड़ा कारण है. उन्होंने कहा, "हम यह सोच रहे थे कि क्या उनका टाइटेनियम घुटना 130 किमी प्रति घंटे की गति और तीखे मोड़ों का दबाव सह पाएगा. लेकिन अब तक परिणाम शानदार रहे हैं. मुझे यकीन है कि और लोग भी इसे अपनाएंगे."
वॉन की वापसी ने उनकी टीम के मुख्य कोच, पॉल क्रिस्टोफिक को भी प्रभावित किया है. उन्होंने मजाक में कहा, "मुझे भी अब इसकी जरूरत महसूस हो रही है. मैं उनसे इस बारे में बात करने वाला हूं."
आलोचना और संदेह
हालांकि खेलों में तकनीक की मदद लगातार बढ़ रही है. पेरिस ओलंपिक में इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का खूब इस्तेमाल हुआ. लेकिन सभी लोग वॉन के इस फैसले से सहमत नहीं हैं. चार बार के वर्ल्ड कप चैंपियन पिर्मिन ज़ुर्ब्रिगन ने कहा, "यह जोखिम है कि वॉन अपने आर्टिफिशियल घुटने को नुकसान पहुंचा सकती हैं."
लेकिन डॉक्टर पांजरी ने इसे खारिज करते हुए कहा, "टाइटेनियम टूटता नहीं है. यह एक छोटा प्रोस्थेटिक है और पूरी तरह सुरक्षित है."
वॉन के इस साहसिक कदम ने खेल जगत में नई उम्मीदें जगाई हैं. वह अब 11-12 जनवरी को ऑस्ट्रिया के सेंट एंटन में अगली रेस में भाग लेंगी. उनकी वापसी ने यह दिखा दिया है कि इच्छाशक्ति और सही चिकित्सा तकनीक के साथ असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है.
वीके/एए (एपी)