The Taliban Effect: अफगानिस्तान में लोगों को पालन करना होगा ड्रेस कोड, पुरुषों को पहनना होगा सलवार कमीज़ और महिलाओं को पूरी तरह से ढंका हुआ हिजाब
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Getty)

काबुल: जैसे ही तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया, दिल दहला देने वाले और चौंकाने वाले वीडियो ऑनलाइन सामने आए हैं, जिसमें हजारों अफगानों को हवाई जहाज के अंदर जाने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाया गया है, जो युद्धग्रस्त देश को छोड़ने के लिए बेताब हैं. काबुल हवाई अड्डे पर भीड़ और वहां से बाहर निकलने के लिए जोरदार धक्का मुक्की से पता चलता है कि उनपर तालिबान का कितना दहशत है. तालिबान द्वारा अफगान पर कब्जे के बाद एक और खबर सामने आयी है, अब पुरुषों को सलवार कमीज़ पहननी होगी और महिलाओं को सिर से ऊपर तक ढंका हुआ हिजाब पहनना होगा. हालांकि तालिबान ने कहा है कि वह महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेगा, उसने यह भी कहा कि महिलाओं को सार्वजनिक रूप से हिजाब पहनना होगा. यह भी पढ़ें: Afghanistan Crisis: तालिबान असैन्य नागिरकों को 'सुरक्षित मार्ग' उपलब्ध कराने पर सहमत: व्हाइट हाउस

काबुल में एक सामान्य दिन में, सड़कों पर बड़ी संख्या में महिलाएं जींस, लंबी अंगरखा और हेडस्कार्फ़ और बुर्का पहने देखी जा सकती थीं. पर अब नहीं. सड़कों पर महिलाओं का छोटा समूह पूरी तरह से हिजाब से ढका हुआ था, जबकि अधिकांश पुरुष सलवार कमीज पहने हुए थे. वीओए ने बताया कि शायद ही किसी ने जींस और टी-शर्ट पहनी हो, जो एक हफ्ते पहले एक आम नजारा था.

तालिबान ने वादा किया था कि किसी के खिलाफ कोई हिंसा नहीं होगी, काबुल के नागरिक दहशत में हैं और सावधानी से चल रहे हैं. विद्रोहियों ने अफगानिस्तान की राजधानी पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. ऐसा लग रहा था कि उन्होंने अफगान पुलिस और सुरक्षा बलों की ड्यूटी संभाल ली है, क्योंकि वे अब दिखाई नहीं दे रहे थे. यह भी पढ़ें: Afghanistan Crisis: बाइडन ने अफगानिस्तान में स्थिति को लेकर जॉनसन से बात की

तालिबान शासन में महिलाओं का भाग्य:

तालिबान शासन के तहत, अब अफगान महिलाओं को पुरुष डॉक्टरों द्वारा इलाज या अध्ययन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि वे एक पुरुष संरक्षक के साथ न हो. विशेष रूप से उग्रवादि  शरिया कानून का प्रैक्टिस करते हैं, जिसमें व्यभिचार के लिए पत्थर मारना, चोरी के लिए अंगों का विच्छेदन, और लड़कियों को 12 साल की उम्र के बाद स्कूल जाने से रोकना शामिल है. कानूनों का उल्लंघन करने वालों को कारावास, सार्वजनिक पिटाई और यहां तक कि फांसी का सामना करना पड़ता है.

तालिबान द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्रों की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि महिलाओं को पहले से ही पुरुष साथी के बिना अपने घरों से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है और कुछ महिला कर्मचारियों को बताया गया है कि उनकी नौकरी अब पुरुषों द्वारा की जाएगी. इन इलाकों की महिलाओं को भी बुर्का पहनने को कहा जा रहा है. लोगों को लगता है कि अब जब तालिबान सत्ता में आ गया है तो यह इस बात का संकेत है कि 20 वर्षों में अफगान महिलाओं द्वारा जीते गए अधिकारों को बदला जा सकता है.