South Korea Emergency Ward: दक्षिण कोरिया में अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड को संचालित करने में आने वाली कठिनाई लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा

दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश के अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड को संचालित करने में आने वाली कठिनाई लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा रही है.

Photo Credit: X

South Korea Emergency Ward:  दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश के अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड को संचालित करने में आने वाली कठिनाई लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा रही है. यह सरकार के लिए चिकित्सा सुधार पर जोर देने का एक प्रमुख कारण है, जिसमें मेडिकल स्कूल के दाखिले में कोटा वृद्धि शामिल है. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार देश की, नेशनल इमरजेंसी सिस्टम पर चिंताएं बढ़ गई हैं क्योंकि सरकार की चिकित्सा सुधार योजनाओं के विरोध में जूनियर डॉक्टरों द्वारा जारी वॉकआउट की वजह से कई अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं.

इसके कारण कई अस्पतालों ने इमरजेंसी वार्ड के संचालन के घंटों को कम कर दिया है. दूसरे उप स्वास्थ्य मंत्री पार्क मिन-सू ने केंद्रीय आपदा और सुरक्षा काउंटरमेजर्स मुख्यालय की एक बैठक में कहा, "मौजूदा मेडिकल सिस्टम में इमरजेंसी सेवा की कठिनाइयां लंबे समय से एक मुद्दा रही हैं। इसे मौलिक रूप से सुधारना सरकार के लिए चिकित्सा सुधार पर जोर देने का एक कारण है." बुधवार तक, सियोल के मोकडोंग जिले में ईवा वुमन्स यूनिवर्सिटी के मेडिकल सेंटर और चुन्चेओन में कांगवोन नेशनल यूनिवर्सिटी अस्पताल सहित चार अस्पतालों ने इमरजेंसी वार्ड के संचालन के घंटों को कम कर दिया है, और केंद्रीय शहर चेओनान में सूनचुन्यांग विश्वविद्यालय अस्पताल ने आंशिक रूप से बच्चों के लिए इमरजेंसी सेवाओं को निलंबित करने की योजना बनाई है. यह भी पढ़ें: Big Bash League: सिडनी सिक्सर्स ने मैथ्यू मॉट को सहायक कोच किया नियुक्त, कैमरून व्हाइट की लेंगे जगह

सरकार ने बुधवार को पांच अस्पतालों के इमरजेंसी वार्डों में सहायता के लिए 15 सैन्य डॉक्टरों को तैनात किया है और सोमवार तक देशभर के अन्य अस्पतालों में अतिरिक्त 235 सैन्य डॉक्टरों और सार्वजनिक चिकित्सकों को भेजने की योजना बनाई है. इस महीने के अंत में पांच दिवसीय चुसेओक अवकाश के दौरान और उसके आसपास इलाके की इमरजेंसी सेवाएं सुनिश्चित करने के प्रयास में, सरकार ने 11-25 सितंबर को एक विशेष अवधि के रूप में नामित किया है. साथ ही एक इमरजेंसी टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो देशभर में 409 इमरजेंसी मेडिकल सेंटर का इंचार्ज होगा. पार्क ने कहा, "सरकार कठिनाइयों को दूर करने के लिए स्थानीय सरकारों और चिकित्सा संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगी."

मेडिकल सिस्टम में सुधार के अलावा यूं सुक येओल प्रशासन ने डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए अगले पांच वर्षों में मेडिकल स्कूल प्रवेश कोटा को प्रति वर्ष 2,000 सीटों तक बढ़ाने की योजना बनाई है, और अगले साल के लिए लगभग 1,500 छात्रों की बढ़ोतरी को अंतिम रूप दिया है. वहीं डॉक्टरों का दावा है कि मेडिकल स्कूल बढ़े हुए नामांकन को संभालने में सक्षम नहीं होंगे, जो चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और अंततः देश की चिकित्सा सेवाओं से समझौता करेगा. पार्क ने गुरुवार को डॉक्टरों से "रचनात्मक चर्चा" के लिए आगे आने का आह्वान किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर हेल्थ कम्युनिटी 2026 के लिए मेडिकल स्कूल सीटों की संख्या के संबंध में उचित रास्ता प्रस्तुत करता है तो सरकार बात करने के लिए तैयार है.

Share Now

\