अफगानिस्तान में तालिबानियों ने तीन और शहरों पर किया कब्जा, अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोग बेघर, अकेले कंधार में ही 22,000 परिवारों का पलायन
अफगानिस्तान के कंधार में 22 हजार से ज्यादा परिवार ऐसे हैं जिन्हें तालिबान के आतंक के से बचने के लिए अपना घर छोड़ना पड़ा है. कंधार की कुल आबादी करीब 6 लाख 50 हजार के करीब है. कंधार, काबूल के बाद राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. लेकिन यहां तालिबान के बढ़ते आतंक के बाद स्थानीय लोग तेजी से पलायन कर रहे हैं.
अफगानिस्तान में तालिबान का कहर दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. तालिबान के आतंकी अपना कहर बरपाते हुए हर दिन एक नए इलाके पर कब्जा कर रहे हैं. अफगानी सेना तालिबानी आतंकियों से निपटने में सक्षम नजर नहीं आ रही. अफगानिस्तान दुनिया के अन्य देशों से मदद की अपील कर रहा है. ताजा जानकारी के मुताबिक, तालिबान ने अब तीन और नए शहरों पुल-ई-खुमरी, फैजाबाद और फराह पर कब्जा कर तालीबानी आतंक का झंडा लहरा दिया है.
नए तीन शहरों के अलावा 6 प्रांतीय राजधानियों पर पहले ही कब्जा
तालिबानी आतंकी पुल-ई-खुमरी, फैजाबाद और फराह, इन तीन शहरों के अलावा पहले ही अफगानिस्तान की 6 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा जमा चुका है. इनमें समांगन प्रांत, कुंदूज, सर-ए-पोल, तालोकान जैसे इलाके शामिल हैं. जबकि दक्षिण में ईरान की सीमा से लगे निमरोज प्रांत की राजधानी जरांज पर भी तालिबानी आतंकियों ने अपना कब्जा जमा लिया है.
प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र इस्लाम-काला पर भी तालिबानी आतंक का झंडा
वहीं उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान सीमा से सटे नोवज्जान प्रांत की राजधानी शबरघान पर भी तालिबान का कब्जा हो चुका है. वहीं अफगानिस्तान और ईरान के बीच प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र इस्लाम-काला पर भीषण लड़ाई के बाद तालिबानियों ने अपना कब्जा जमाया है.
अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोग बेघर
लेकिन तालिबानी अब यहां के चौथे सबसे बड़े शहर मजार ए शरीफ पर कब्जा करने के लिए चढ़ाई कर रहे हैं. तालिबान की इस क्रूरता के चलते अब तक एक लाख 54 हजार लोग बेघर हो चुके हैं. कई लोग अपना घर छोड़ कर जा चुके हैं. तो कई शिविरों और खुले पार्कों में रहने को मजबूर हैं.
अफगान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार से 22 हजार परिवारों ने किया पलायन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान के कंधार में 22 हजार से ज्यादा परिवार ऐसे हैं जिन्हें तालिबान के आतंक के से बचने के लिए अपना घर छोड़ना पड़ा है. कंधार की कुल आबादी करीब 6 लाख 50 हजार के करीब है. कंधार, काबूल के बाद राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. लेकिन यहां तालिबान के बढ़ते आतंक के बाद स्थानीय लोग तेजी से पलायन कर रहे हैं.
अफगान में फंसे भारतीयों की वतन वापसी
वहीं तालिबान के बढ़ते इस आतंक के चलते भारत ने अफगानिस्तान में फंसे अपने सभी नागरिकों को निकालने का फैसला किया है. भारत ने भारतीयों को रेस्कूय करने का काम तेज कर दिया है. भारत इससे पहले दूतावास में काम करने वाले अपने कर्मचारियों और नागरिकों को वहां से रेस्क्यू कर चुका है.
क्रिकेट राशिद खान ने की मदद की अपील
वहीं दूसरी ओर क्रिकेटर राशिद खान ने दुनिया से मदद की अपील करते हुए ट्विट किया. उन्होंने अपने ट्विट में कहा,‘डियर वर्ल्ड लीडर्स. मेरा देश इस वक्त मुश्किल में है, हज़ारों निर्दोष बच्चे, महिलाएं, लोग शहीद हो रहे हैं, घर बर्बाद हो रहे हैं. हमें ऐसे संकट में छोड़कर ना जाएं. हम शांति चाहते हैं, अफगानियों की मौत होने से बचाइए.
अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद बढ़ा तालिबानी आतंक
बता दें कि अमेरिका में जो बाइडेन की सरकार बनने के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वतन वापसी तेज हो गई है. अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से वापस जा रही है जिसके चलते अफगानिस्तान में तालिबानियों का कहर चरम पर पहुंच गया है. अफगानिस्तान भारत और रूस सहित अन्य देशों से पहले ही सैन्य मदद की अपील कर चुका है.