तालिबान पता लगा रहा, बैक्ट्रियन खजाना कहीं अफगानिस्तान से बाहर तो नहीं ले जाया गया
अफगानिस्तान में कार्यवाहक तालिबान सरकार के सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने बैक्ट्रियन खजाने का पता लगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.
नई दिल्ली, 16 सितंबर: अफगानिस्तान (Afghanistan) में कार्यवाहक तालिबान सरकार के सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने बैक्ट्रियन खजाने का पता लगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. बैक्ट्रियन खजाना अफगानिस्तान की एक महत्वपूर्ण संपत्ति है, जिसे फरवरी 2021 में पूर्व सरकार द्वारा राष्ट्रपति भवन में लाया गया था और लोगों के लिए प्रदर्शित किया गया था. टोलो न्यूज ने कहा कि पूर्व सरकार के पतन के बाद इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई है. यह भी पढ़े: पाक तालिबान ने आत्मघातियों को फुसलाया, कहा-स्वर्ग में बॉलीवुड अभिनेत्रियां अगवानी करेंगी
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान कैबिनेट के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्ला वासीक ने कहा कि उनके आकलन से पता चलता है कि राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय संग्रह और राष्ट्रीय गैलरी और अन्य ऐतिहासिक और प्राचीन स्मारक अपने स्थानों पर सुरक्षित हैं. हालांकि, वसीक के अनुसार, उन्होंने बैक्ट्रियन खजाने को खोजने और जांचने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों को सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है, "इस मुद्दे की जांच चल रही है, और हम यह जानने के लिए जानकारी एकत्र करेंगे कि वास्तविकता क्या है.
यदि इसे (अफगानिस्तान से बाहर) स्थानांतरित किया गया है, तो यह अफगानिस्तान के खिलाफ देशद्रोह है. अफगानिस्तान की सरकार गंभीर कार्रवाई करेगी यदि यह और अन्य प्राचीन वस्तुओं को देश से बाहर ले जाया जाता है. "बैक्ट्रियन ट्रेजरी को दुनिया में सोने के सबसे बड़े संग्रह में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिसे चार दशक पहले उत्तरी जवज्जान प्रांत के केंद्र शेरबर्गन जिले के तेला तपा क्षेत्र में खोजा गया था. संग्रह में गहने और सोना शामिल हैं, जिन्हें एक प्राचीन शाही कब्रिस्तान स्थल पर खोजा गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि सात लोगों के अवशेषों को हजारों सोने के टुकड़ों से सजाया गया था. संग्रह, जिसे विदेशों में प्रदर्शित किया गया है, में 21,145 सोने के टुकड़े हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि खजाना कुषाण साम्राज्य का है.