Russia on Taliban: तालिबान के साथ सामान्य संबंध जारी रखेगा रूस
अफगानिस्तान के लिए रूस के राष्ट्रपति के खास प्रतिनिधि जमीर काबुलोव ने कहा कि मास्को तालिबान के साथ सामान्य संबंध स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है और उसपर किसी भी तरह के बाहरी मूल्यों को थोपने से परहेज करेगा. काबुलोव ने कहा, "हमारा दूतावास काबुल में सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
मास्को, 31 अगस्त: अफगानिस्तान (Afghanistan) के लिए रूस (Russia) के राष्ट्रपति के खास प्रतिनिधि जमीर काबुलोव (Jamir Kabulov)ने कहा कि मास्को तालिबान (Masco Taliban) के साथ सामान्य संबंध स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है और उसपर किसी भी तरह के बाहरी मूल्यों को थोपने से परहेज करेगा. काबुलोव ने कहा, "हमारा दूतावास काबुल (Kabul) में सक्रिय रूप से काम कर रहा है. "सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "हम किसी भी अफगान सरकार (Afghan Government) के साथ सामान्य संबंध बनाए रखेंगे. हालांकि रूस अभी इस क्षेत्र में विकासशील सैन्य और राजनीतिक स्थिति के बारे में चिंतित है. यह भी पढे: Afghanistan: तालिबान ने अमेरिकी बलों की वापसी के बाद अफगानिस्तान के पूरी तरह स्वतंत्र होने की घोषणा की
अफगान लोगों पर कुछ भी थोपा नहीं जाना चाहिए और उनकी मौजूदा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों का सम्मान किया जाना चाहिए. "काबुलोव ने अफगानिस्तान में नए अमेरिकी हवाई हमलों की संभावना से इंकार नहीं किया और पश्चिम से अफगानिस्तान के सोने और विदेशी मुद्रा भंडार को फ्रीज करने जैसी 'अतिरिक्त बाधाएं पैदा करने' के बजाय मानवीय सहायता के माध्यम से देश में स्थिति को सामान्य करने में सहायता करने का अनुरोध किया.
अधिकारी ने दोहराया कि रूस 'क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास' को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किसी भी अंतर्राष्ट्रीय प्रयास में भाग लेने के लिए तैयार है.
काबुल हवाईअड्डे पर गुरुवार को हुए घातक हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 170 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इस जवाबी कार्रवाई में, अमेरिकी सेना ने शुक्रवार को पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में इस्लामिक स्टेट समूह के एक अफगान सहयोगी आईएसआईएस-के के खिलाफ ड्रोन हमला किया, जिसमें दो 'हाई-प्रोफाइल' सदस्य मारे गए और एक अन्य घायल हो गया. काबुल में रविवार को एक और हवाई हमला एक संदिग्ध आईएसआईएस-के वाहन के खिलाफ किया गया. तालिबान के वरिष्ठ नेता अब्दुल हक वसीक ने अफगानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले की निंदा की और इस कदम को अमेरिका-तालिबान शांति समझौते का उल्लंघन बताया.