रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) की पहली वैक्सीन का ऐलान मंगलवार को किया, रूस में तैयार की गई इस वैक्सीन (Vaccine) का कोविड वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन भी करा दिया गया है। रूस ने उम्मीद जतायी है कि 2021 के शुरूआत तक पूरी दुनिया को वैक्सीन मिलने लगेगी, रूस से आयी यह खबर दुनिया भर के सभी देशों के लिए एक बेहद सकारात्मक खबर मानी जा रही है क्योंकि सभी देश कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं,
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल है- वैक्सीन कब आयेगी? अब तक इसका उत्तर डब्ल्यूएचओ से लेकर कई बड़े देशों के पास भी नहीं था, लेकिन अब उम्मीद जाग उठी है कि 2021 तक वैक्सीन आम जनता को उपलब्ध हो जाएगी, क्योंकि रूस ने वैक्सीन का ऐलान कर दिया है। रूस के गैमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने पिछले हफ्ते ही इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण हजारों लोगों पर किया था. रूस के राष्ट्रपति ब्लामिदिर पुतिन ने तमाम आशंकाओं के बीच वैक्सीन के पंजीकरण की घोषणा की। रूस अगले महीने तक इस वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू करेगा. पुतिन की दो बेटियों को लग चुकी है वैक्सीन यह भी पढ़े: Russia Approves First COVID-19 Vaccine: रूस ने बनाया दुनिया का पहला कोरोना वैक्सीन, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को भी दिया गया खुराक
रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि अगले महीने तक इस वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू हो जाएगा और अक्टूबर से लोगों को टीका लगाने का काम भी युद्ध स्तर पर किया जाएगा. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मंगलवार को सुबह एक टेलीविजन प्रसारण में दावा किया कि यह वैक्सीन पूरी तरह असरकारक है और इससे बनने वाली इम्यूनिटी लंबे समय तक बरकरार रह सकती है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जानकारी दी कि उनकी दोनों बेटियों को इस वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. उन्होंने कहा कि वे दोनों ठीक महसूस कर रही हैं और किसी तरह के साइड इफेक्ट्स नहीं हैं. इसका पंजीकरण सर्टिफिकेट स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
किसे मिलेगी पहले वैक्सीन
वहीं वैक्सीन आने के बाद लोगों के मन कई सवाल शुरू हो गये, किसे पहले मिलेगी वैक्सीन इसे लेकर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। इस बारे में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डॉ. राजेन्द्र कुमार धमीजा का कहना है कि वैक्सीन वायरस से एक बचाव है, इलाज नहीं। वैक्सीन जब आयेगी तो सबको दी जायेगी, लेकिन पहले उन्हें बचाना है जिन्हें संक्रमण नहीं हुआ है। जो लोग संक्रमित हो चुके हैं, उनके अंदर एंटीबॉडी बन चुके हैं। उनके अंदर एंटीबॉडी भी कब तक रहेंगे, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। इसके अलावा पहले डॉक्टरों को, स्वास्थ्यकर्मियों को और बुजुर्गों को दी जाएगी. वैक्सीन कैसे देनी है, यह आने के बाद ही पता चलेगा.
बता दें कि भारत में स्वदेशी रूप से विकसित COVAXIN के दूसरे चरण का परीक्षण आज से नागपुर में शुरू हो गया. हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने कोरोनोवायरस के लिए यह टीका विकसित किया. इसके अलावा ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर वैक्सीन बना रही भारत की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का कहना है कि दिसंबर के शुरूआत में कोविड वैक्सीन कंपनी लॉन्च कर देगी. लेकिन रूस ने सभी क्लिनिकल परीक्षण करने के बाद पहली वैक्सीन का दावा किया है.