Oil: विदेशों में सोयाबीन, पामोलिन तेल में सुधार, सरसों तेल के दाम में आई गिरावट

विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सोयाबीन तेल तिलहन और पामोलिन तेल की कीमतों में सुधार आया जबकि घरेलू मांग कमजोर होने से सरसों तेल तिलहन के भाव में गिरावट देखी गई.

तेल (Photo Credit : Pixabay)

दिल्ली, 9 अप्रैल: विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सोयाबीन तेल तिलहन और पामोलिन तेल की कीमतों में सुधार आया जबकि घरेलू मांग कमजोर होने से सरसों तेल तिलहन के भाव में गिरावट देखी गई. Covid Booster Dose: 10 अप्रैल से 18+ को भी लगाई जा सकेगी बूस्टर डोज, दूसरी खुराक के बाद 9 महीने का गैप है जरूरी

सूत्रों ने बताया कि शिकागो एक्सचेंज में शुक्रवार को तीन प्रतिशत का उछाल आया. जिसका सकारात्मक असर सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों पर हुआ. दूसरी ओर गर्मी के दिनों में घरेलू मांग कमजोर होने से सरसों में तो गिरावट आई जबकि मूंगफली तेल तिलहन के भाव पुराने स्तर पर बने रहे. विदेशी बाजारों की तेजी का असर सीपीओ, पामोलीन तेल कीमतों पर दिखा और इनके भाव सुधार के साथ बंद हुए. बिनौला तेल के भाव भी सुधार प्रदर्शित करते हुए बंद हुए.

उन्होंने बताया कि शिकागो एक्सचेंज में तेजी की वजह से सोयाबीन डिगम की कीमतों में 46 डॉलर प्रति टन की तेजी आई है, जो 350 रुपये प्रति क्विंटल बैठता है. लेकिन मांग कम रहने से घरेलू बाजार में इसकी कीमत 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल ही बढ़ी है. सूत्रों के अनुसार शिकागो में तेजी का असर मलेशिया एक्सचेंज में सोमवार को दिखाई देगा.

उन्होंने कहा कि सरकार को घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि देशी तेल की कीमतें आयातित तेलों की तुलना में 10 से 12 रुपये प्रति किलो कम है. सूत्रों ने बताया कि सरकार को देशी तेलों की जांच बढ़ाने की बजाय इनकी अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब थोक के भाव कम हैं तो खुदरा में भी राहत मिलनी चाहिए.

शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे

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